Saturday, November 16, 2019

हेलमेट मैन के  नियम से सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान को मिल रही है मजबूती।

बिहार सासाराम के डीएम पंकज दीक्षित ने आदेश दिया सासाराम टोल टैक्स पर बिना हेलमेट पास करने की अनुमति नहीं।

यह नियम 19 नवंबर 2019 को दोपहर 1:00 बजे से हेलमेट मैन राघवेंद्र कुमार के साथ प्रशासनिक अधिकारी देंगे हरी झंडी।
भारत में प्रति वर्ष डेढ़ लाख सड़क दुर्घटना से लोगों की मौत हो रही है और दो लाख लोग विकलांग हो रहे हैं. यह आंकड़ा बहुत गंभीर महामारी की तरह समस्या बना हुआ है.
जिसे कम करने के लिए एक अकेला व्यक्ति बिना किसी  मदद  के इस महामारी को खत्म करने का प्रयास पिछले 5 साल से कर रहा है. इस कार्य की कीमत चुकाने के लिए अपना घर बेचकर पच्चीस हजार हेलमेट बांट चुके हैं भारत के अलग अलग राज्य में।

भारत के सभी टोल टैक्स पर कोई भी टू व्हीलर बाइक चालक बिना हेलमेट पास ना करें इस नियम को लागू कराने के लिए हेलमेट मैन प्रयास कर रहे हैं. कई जगह अपने अभियान द्वारा फोटो खींचो रोजगार बढ़ाओ का अभियान चलाया. ताकि भारत के सभी युवा सड़क सुरक्षा जागरूकता का हिस्सा बन सकें. बिना हेलमेट और सीट बेल्ट चलने वाले गाड़ी नंबर का फोटो लेने पर उस व्यक्ति को ₹50 दीया. ताकि लोग ट्रैफिक पुलिस से डरने के बजाय आम पब्लिक के बीच में ट्रैफिक नियम को लोग पालन करें. क्योंकि भारत में अधिक जनसंख्या होने के कारण ट्रैफिक पुलिस की संख्या बहुत कम है. इसी कारण की वजह से बहुत लोग ट्रैफिक नियम के प्रति जागरूक नहीं हो पाते हैं. इसलिए हेलमेट मैन राघवेंद्र कुमार ने इस अभियान को चलाया ताकि कम खर्च में सरकार के राजस्व में बढ़ावा हो और बड़े पैमाने पर लोगों में जागरूकता के साथ बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिले।

भारत सरकार इसी साल 4 साल के उम्र के बच्चों को हेलमेट टू व्हीलर्स बैठने पर नियम लागू किया लेकिन यह कार्य पिछले 5 साल से हेलमेट मैन राघवेंद्र कुमार छोटे बच्चों से पुरानी पुस्तक लेकर उन्हें हेलमेट के लिए जागरूक कर रहे हैं।

 साथ में भारत को 100% साक्षर बनाने के लिए अब तक अपने मिशन द्वारा दो लाख गरीब बच्चों को निशुल्क किताबे दे चुके हैं. अभी अपने अभियान द्वारा भारत सरकार से यह भी अपील कर रहे हैं जिस तरह प्राइवेट स्कूल बच्चों को अपने स्कूल से ही झोला जूता कपड़ा कॉपी किताब के लिए महंगी फीस लेकर उन्हें देते हैं उसी प्रकार एक हेलमेट देने का भी सभी बच्चों को जागरूकता के लिए नियम बनाएं. स्कूल से ही बच्चों को हेलमेट लगाने की जागरूकता मिले और इसका प्रभाव गार्जियन पर भी पड़ेगा वह भी हेलमेट लगाकर अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने जाएंगे. क्योंकि भारत में सड़क दुर्घटना में 90% युवा और बच्चों की ही मौत होती है.
स्कूल के बाद कॉलेज को भी हेलमेट मैन ने निर्देश दिया हुआ है फिश के अलावा रजिस्ट्रेशन के नाम पर जो राशि ली जाती है उसके बदले में बच्चों को प्रोस्पेक्टस और झोला देने के बजाय एक हेलमेट दे।

इस नियम से भारत के अंदर बड़े पैमाने पर जागरूकता लाई जा सकती है. कई जगह अपने मिशन द्वारा शहर के बीच चौराहे पर बुक बैंक बॉक्स लगाकर लोगों से अपील करते हैं अपनी पढ़ी हुई पुरानी पुस्तक घर में रखने के बजाय उस बॉक्स में डालें ताकि भारत की शिक्षा को 100% किया जा सके भारत में कोई भी बच्चा पुस्तक के अभाव में शिक्षा से वंचित ना रहे. जितनी पुरानी पुस्तक की जागरूकता बढ़ेगी तभी जाकर सरकार भी जागेगी,  जो प्राइवेट स्कूलों में सिलेबस चेंज किया जाता है जो बच्चों के माता-पिता पर इसका बोझ पड़ता है. सरकार भी इस नियम को खत्म करने का प्रयास करें क्योंकि एक पुस्तक छापने में कई पेड़ कट जाते हैं. भारत के 73 साल आजादी के बाद भी आज भी हमारे देश में 30% लोग अशिक्षित हैं. हेलमेट मैन जिस तरह जागरूकता अभियान चला रहे हैं वह चाहते हैं भारत के सभी बच्चे उनके अभियान का हिस्सा बने ताकि सभी लोगों के अंदर सोशल भावना जागरूक हो सके ताकि एक दूसरे को मदद मिल सके. तभी जाकर हमारा देश महान और शक्तिशाली बनेगा ।

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