Tuesday, March 31, 2020

सावधानी से ट्रेड करें: गैर-कृषि वस्तुओं के लिए आउटलुक एंजेल ब्रोकिंग लि. के चीफ एनालिस्ट प्रथमेश माल्या ।

सावधानी से ट्रेड करें: गैर-कृषि वस्तुओं के लिए आउटलुक एंजेल ब्रोकिंग लि. के चीफ एनालिस्ट प्रथमेश माल्या ।
रिपोर्ट:गोविंद कुमार(दिल्ली)

कोरोनावायरस अब दुनिया भर के लगभग सभी देशों में फैल गया है। अब तक इस घातक वायरस के 700,000 से अधिक मामले सामने आए हैं और 33,000 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। भारत में लॉकडाउन के बावजूद 29 मौतों के साथ केसेस की संख्या 1,000 का आंकड़ा पार कर गई है। जाहिर है कोरोनोवायरस का पूरे बाजार पर गहरा प्रभाव पड़ा है। इस सप्ताह के लिए गैर-कृषि वस्तुओं के लिए आउटलुक इस प्रकार है।

सोना

अमेरिकी सरकार ने आर्थिक सुधार की उम्मीदें जगाईं और पिछले हफ्ते सोने की कीमतों में 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। अमेरिकी फेड ने कोरोनावायरस महामारी के आर्थिक प्रभाव को सीमित करने के लिए 2 ट्रिलियन डॉलर पैकेज की घोषणा की थी। हालांकि, यू.एस. बेरोजगारी दावे रिकॉर्ड-उच्च तक पहुंचे, अमेरिकी डॉलर ने कम कारोबार किया और बुलियन धातु की कीमतों को सपोर्ट किया। डॉलर में मूल्यह्रास ने मजबूत प्रोत्साहन और ठोस उपायों की उम्मीद के साथ सोने की कीमतों में तेजी से वृद्धि की। बाजार में बड़े पैमाने पर बिकवाली देखने के बाद निवेशकों के पास नकदी में अपनी पकड़ बनाए रखने के बाद यह लाभ कम हो गया। इस सप्ताह हम सोने की कीमतें 45 हजार रुपये/10 ग्राम की ओर बढ़ने की उम्मीद करते हैं। 

तांबा

लॉकडाउन ने सभी बेस मेटल की कीमतों पर प्रभाव डाला है क्योंकि दुनियाभर में औद्योगिक गतिविधियां एक तरह से थम गई हैं। पिछले हफ्ते हमने बेस मेटल की कीमतों को एलएमई पर देखा, जिसमें मिश्रित परिणाम देखने को मिले और एल्युमीनियम की कीमतों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई। एलएमई कॉपर की कीमतों में 0.2 प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी हुई क्योंकि आपूर्ति पक्ष में चिंता के बादल नजर आए। खासकर अमेरिका द्वारा लाल धातु की कीमतों को समर्थन देने वाली आक्रामक प्रोत्साहन योजनाओं के साथ महामारी के प्रभाव की आशंका को भी दर्शाया गया। उम्मीद है कि बेस मेटल की कीमतों में और गिरावट होगी क्योंकि लॉकडाउन के बाद दोबारा अपनी कीमतों में पहुंचने की अवधि उनके लिए और लंबी हो सकती है। फिर भी रिकवरी की उम्मीदें भी हैं क्योंकि अधिकांश देशों ने आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए घातक वायरस के खिलाफ प्रभावी उपाय किए हैं। इस हफ्ते हम उम्मीद करते हैं कि कॉपर की कीमतें लगभग 390 रुपए प्रति किलो के आसपास रहेंगी। 

तेल 

प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा उठाए गए कठोर प्रोत्साहन उपायों की पृष्ठभूमि में डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमतों में पिछले हफ्ते 0.7 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज हुई। इन उपायों ने क्रूड की मांग को लेकर चिंताओं को कम कर दिया था। क्रूड की कीमतों में गिरावट के बाद तेल रिफाइनरियों को भी कुछ सपोर्ट मिला। हालांकि, प्रमुख तेल उत्पादकों रूस और सऊदी अरब के बीच चल रहे उत्पादन युद्ध और कम होती मांग   एंजेल ब्रोकिंग लि. के चीफ एनालिस्ट प्रथमेश माल्या।

कोरोनावायरस की वजह से इक्विटी बाजारों के मार्केट सेंटिमेंट में 5% की गिरावट एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड के हेड एडवाइजरी अमरदेव सिंह।

कोरोनावायरस की वजह से इक्विटी बाजारों के मार्केट सेंटिमेंट में 5% की गिरावट

एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड के हेड एडवाइजरी अमरदेव सिंह
रिपोर्ट:गोविंद कुमार(दिल्ली)
मामलों के तेजी से बढ़ने से कोरोनावायरस विश्व स्तर पर कहर बरपा रहा है। आज तक इस महामारी ने 7,00,000 से अधिक लोगों को प्रभावित किया है और मौतों का आंकड़ा 30,000 का आंकड़ा पार कर गया है। दुनियाभर में बड़े पैमाने पर बिकवाली के बीच शेयर बाजारों पर भी इसका दबाव दिख रहा है। निवेशकों की मंदी की भावना, कमजोर आउटपुट और असंगत वित्तीय उपायों जैसे कई कारकों की वजह से बाजार नीचे जा रहे हैं। आज निफ्टी-50 4.48%  नीचे रहा जबकि सेंसेक्स 4.61% तक गिर गया।

वैश्विक संकेतों के बाद बाजार नीचे खुले:

वैश्विक बाजारों से मिले संकेतों के चलते सेंसेक्स ने आज 530 अंक की गिरावट के साथ और निफ्टी ने 8,400 अंक से नीचे सप्ताह की शुरुआत की। शुरुआती घंटों के दौरान निफ्टी ने निचले स्तर से ऊपर उठने की कोशिश की, हालांकि, 8,600 अंक के आसपास दबाव बढ़ने से पुलबैक जल्द ही फीका पड़ गया। इसके बाद यह दबाव में रहा। दूसरी ओर, सेंसेक्स ने बड़े पैमाने पर कारोबार किया और क्लोजिंग बेल के समय लगभग 840 अंक नीचे रहा।

कोरोनावायरस के मामलों ने निवेशकों को गिरफ्त में लियाः

पिछले हफ्ते हमने कुछ दिनों तक आर्थिक प्रोत्साहन की उम्मीद और नियंत्रण उपायों से प्रेरित पुलबैक मार्केट देखा था। हालांकि, कोरोनोवायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि जारी है और इसमें बहुत राहत दिखाई नहीं दी है। उन्होंने अब बाजार को पूरी तरह से जकड़ लिया है। यह अब अन्य विकास घटनाक्रमों पर भी अपनी प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है। घरेलू बाजार में भी अल्पावधि में व्यापक अस्थिरता के साथ ट्रेड जारी है। वीआईएक्स इंडिया अस्थिरता का एक प्रमुख मार्कर है जो आमतौर पर 20 अंक से नीचे ट्रेड करता है, बढ़कर 71.5 अंक हो गया है।

बैंकिंग शेयरों में बिकवाली का चलन:

आज के सत्र में बीएफएसआई कंपनियां सबसे कमजोर नामों के तौर पर उभरी। एनएसई में बजाज फाइनेंस 11.81%, एचडीएफसी 11.13%, एचडीएफसी बैंक 8.05%, आईसीआईसीआई बैंक 7.78% और कोटक बैंक 7.53% तक गिरे। कुल मिलाकर निफ्टी बैंक में 6% का करेक्शन आया। ऑटो सेक्टर पहले से ही काफी समय से दबाव में है और उसे भी बड़ा झटका लगा है। बीएसई में एमएंडएम 7.46%, मारुति सुजुकी 6.56% तक गिर गया और हीरो मोटोकॉर्प 6.53% की गिरावट के साथ बंद हुआ।

आक्रामक होने से बचें:

वर्तमान में बाजार अनिश्चित है और कोविड का सही प्रभाव किसी को नहीं पता है। नियंत्रण उपायों ने वायरस के प्रसार को धीमा किया है, लेकिन तब भी मामलों की संख्या अभी भी बढ़ रही है। कोविड-19 अब मोटे तौर पर बाजार चलाने वाला एकमात्र वेक्टर है। ऐसे अस्थिर समय में यह सलाह दी जाती है कि आक्रामक ट्रेड्स से बचा जाए और उचित जोखिम प्रबंधन व एक्जिट रणनीति बना ली जाए। एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड के हेड एडवाइजरी अमरदेव सिंह।

Monday, March 30, 2020

Big breaking, गौतम बुद्ध नगर अब जिले के नए जिलाधिकारी सुहास एलवाई संभालेंगे जिले की कमान।

ब्रेकिंग न्यूज़,गौतम बुद्ध नगर।
रिपोर्ट:संजीव भाटी (ग्रेटर नोएडा)
नोएडा व ग्रेटर नोएडा में लगातार कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या को देख आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ग्रेटर नोएडा पहुंचे। वहाँ उन्होंने कोरोनावायरस की तैयारी को लेकर समीक्षा की जिसमें बैठक के दौरान जिलाधिकारी बीएन सिंह को लगाई फटकार साथ ही किया लखनऊ ट्रांसफर अब जिले के नए जिलाधिकारी सुहास एलवाई संभालेंगे जिले की कमान।

कोविड-19 के दौरान राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच जूमकार ने मदद के लिए की पहल।

कोविड-19 के दौरान राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच जूमकार ने मदद के लिए की पहल।
रिपोर्ट:गोविंद कुमार (दिल्ली)
 सरकारी अधिकारियों, बैंकरों, स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों, वितरण कर्मचारियों की मोबिलिटी से जुड़ी चुनौतियों को कम करने, ज़ूमकार पूरी तरह से स्वच्छ कारों के लिए बिना चाबी प्रवेश सुनिश्चित कर रहा है।
30 मार्च, 2020: भारत के सबसे बड़े सेल्फ-ड्राइव मोबिलिटी प्लेटफॉर्म जूमकार ने लॉकडाउन के दौरान इमरजेंसी ट्रांसपोर्ट संकट को कम करने के लिए कदम बढ़ाया है। जूमकार ने सरकार के शटडाउन आदेश के कारण अपनी कारों के बेड़े को खड़ा कर दिया है लेकिन कंपनी अपने चुनिंदा वाहनों का इस्तेमाल बैंकर्स, स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों और वितरण कर्मचारियों सहित फ्रंटलाइन वर्कफोर्स के लिए इमरजेंसी मोबिलिटी  सुनिश्चित करने के लिए कर रही है।
जूमकार उन विभिन्न संगठनों के साथ साझेदारी कर रहा है, जो इस लॉकडाउन अवधि में आवश्यक सेवाओं में शामिल हैैं ताकि उनके कर्मचारियों को सुरक्षित मोबिलिटी विकल्प प्रदान किया जा सके। यह सेवा सुनिश्चित करती है कि ये भागीदार संगठन आवश्यक कर्मियों के परिवहन की बाधाओं को कम करें और वे नागरिकों की इमरजेंसी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हों।
सोशल डिस्टेंसिंग की बढ़ती आवश्यकता को देखते हुए जूमकार के सेल्फ-ड्राइव मोबिलिटी सॉल्युशन का कई ग्राहकों ने बार-बार स्वागत किया है। जूमकार अपने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कारों की पूरी तरह से साफ और सफाई सुनिश्चित कर रहा है। प्रमुख बैंकों के कर्मचारियों के साथ काम करने के अलावा, जूमकार किराना स्टोर चेन और अस्पताल के कर्मचारियों को भी मोबिलिटी सॉल्युशन प्रदान कर रहा है। मैसूर में सरकारी अधिकारी भी अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए जूमकार का चयन कर रहे हैं।
इस नए घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए जूमकार के सह-संस्थापक और सीईओ ग्रेग मोरन ने कहा, “भारत और दुनियाभर में कोरोनोवायरस का प्रकोप हमारे समाज और अर्थव्यवस्था के लिए एक अस्तित्व संबंधी खतरा बन गया है। इस अभूतपूर्व और चुनौतीपूर्ण समय का सामना करने के लिए, निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को एक साथ आने और व्यावहारिक, व्यापक समाधान प्रस्तुत करने की आवश्यकता है जो समाज की वर्तमान आवश्यकताओं के साथ प्रतिध्वनित होते हैं। इसी कड़ी में ज़ूमकार में हम व्यक्तिगत और पूरी तरह से स्व-चालित वाहनों के माध्यम से सुरक्षित परिवहन विकल्प सुनिश्चित कर रहे हैं। सरकारी अधिकारियों से लेकर स्वास्थ्य कर्मचारियों तक, हमने कई इमरजेंसी कार्यों में मांग देखी है। राष्ट्र के सामने आई इस अभूतपूर्व चुनौती में जनता की मदद के लिए हम सुरक्षित, विश्वसनीय और सस्ती सेल्फ-ड्राइव मोबिलिटी सॉल्युशन देने पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेंगे। ”
कारों को पूरी तरह से साफ रखने और स्वच्छता के उच्चतम स्तर को सुनिश्चित करने के अलावा जूमकार कारों के लिए 100% की-लेस एक्सेस प्रदान करता है। इस प्रकार किसी भी मानवीय संपर्क के बिना ग्राहक जूमकार वाहनों का उपयोग कर सकते हैं।

जूमकार के बारे में 
जूमकार ने 2013 में कार शेयरिंग सेवाओं की शुरुआत के साथ भारत का पहला सेल्फ-ड्राइव मोबिलिटी प्लेटफॉर्म होने का गौरव प्राप्त किया और आज अपने बेड़े में 10,000 से अधिक कारों के साथ सेल्फ-ड्राइव स्पेस में मार्केट लीडर है। मोबाइल अनुभव पर मजबूत फोकस के साथ जूमकार यूजर्स को घंटे, दिन, सप्ताह या महीने के हिसाब से कारों को किराए पर लेने की अनुमति देता है। बैंगलोर में मुख्यालय वाले जूमकार में 250 से अधिक लोगों की टीम काम करती है और यह पूरे भारत में 45+ शहरों में संचालित हो रहा है। 2018 में जूमकार ने अपने शेयर्ड सब्सक्राइबर मोबिलिटी मॉडल के लॉन्च के साथ कारों के लिए भारत का पहला पीयर-2-पीयर आधारित बाजार पेश किया और वर्तमान में इस स्पेस में 90% से अधिक मार्केट शेयर पर कब्जा जमाया है।

Friday, March 27, 2020

मार्केट में लगातार तीसरे दिन दिखी तेजी, वित्त मंत्री ने घोषित किया 1.7 लाख करोड़ का राहत पैकेज।

मार्केट में लगातार तीसरे दिन दिखी तेजी, वित्त मंत्री ने घोषित किया 1.7 लाख करोड़ का राहत पैकेज।
रिपोर्ट:गोविंद कुमार (दिल्ली)

अमरदेव सिंह, हेड एडवाइजरी, एंजेल ब्रोकिंग लि०

आज लगातार तीसरे दिन मार्केट में तेजी के बाद निवेशकों ने थोड़ी राहत की सांस ली है। बैंकिंग स्टॉक्स में तेजी के कारण मार्केट शुरुआत में ही तेजी के साथ खुला। अन्य एशियाई बाजारों ने में यूएस सीनेट में 2 ट्रिलियन डॉलर के राहत पैकेज का अलग असर देखने को मिला है। निक्की 225 में 4.51 फीसदी, हेंग सेंग में 0.74 फीसदी और संघाई कंपोजिट इंडेक्स में 0.6 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।

आर्थिक प्रोत्साहन:

कोरोना वायरस के असर के चलते भारतीय बाजार को एक बड़े आर्थिक राहत पैकेज की उम्मीद थी। अमेरिका के 2 ट्रिलियन डॉलर के राहत पैकेज के बाद से ही पूरे मार्केट में सकारात्मक सेंटिमेंट देखने को मिल रहे थे। भारत सरकार ने भी आज 1.7 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की और मार्केट ने इसे अच्छे तरीके से स्वीकार भी किया। खैर, घोषणा में बिज़नेस के लिए कोई मजबूत उपाय न होने के कारण कुछ निवेशक बाजार में बिकवली भी की है। मार्केट सकारात्मक और बुलिश सेंटिमेंट के साथ बंद हुआ।

टॉप परफॉर्मर

बीएसई में कुल 293 कंपनियों ने करीब 4.43 लाख करोड़ की कमाई की। सेंसेक्स में भी 4 गिरावट के साथ 26 स्टॉक्स में तेजी देखने को मिली। इंडसइंड बैंक ने गुरुवार को सभी स्टॉक्स को पीछे छोड़ दिया। इस वर्ष 1 जनवरी से लेकर 24 मार्च 2020 तक यह स्टॉक 252.36 रुपए गिरकर 1484 रुपए के लो पर पहुंच गया था। गुरुवार को 46 फीसदी की मजबूत बढ़त हासिल करते हुए यह 138.70 रुपए ऊपर चढ़ा। स्टॉक अब भी एक साल पूर्व के लेवल से 74 फीसदी नीचे है और इसके बढ़ने की संभावनाएं हैं।

इसके अलावा ऑटो स्टॉक्स जैसे बजाज ऑटो और हीरो मोटो-कॉर्प  क्रमश: 8.63 फीसदी और 8.09 फीसदी बढ़े। बजाज फाइनेंस, कोटक बैंक, एचडीएफसी बैंक को क्रमश: 8.06%, 7.66%, और 6.76% का फायदा हुआ। एलएंडटी आज पूरे ट्रेड के दौरान 9 फीसदी के साथ सबसे ज्यादा वॉल्यूम देखा गया।

टॉप लूजर्स

सेंसेक्स में केवल मारुती सुजुकी, टेक महिंद्रा, सन फार्मा और आरआईएल में क्रमश: 3.05%, 2.60%, 2.45%, और 0.60% की गिरावट दर्ज की गई। वहीं निफ्टी फिफ्टी में 11 स्टॉक्स में गिरावट देखने को मिली। सबसे ज्यादा घाटा गेल में देखने को मिला, जो मार्केट बंद होने पर 3.24 फीसदी नीचे था। अडाणी पोर्ट को भी 2.90 फीसदी का घाटा हुआ। इसके अलावा एचसीएल टेक, जेएसडब्ल्यू स्टील और टाटा स्टील क्रमश: 2.16%, 1.32%, और 0.82% गिरावट के साथ बंद हुए। हिंडालको 94.55 रुपए के ट्रेंडिंग प्राइज पर बंद हुआ।

आगे की स्थिति

कल का दिन काफी महत्वपूर्ण होने वाला है, चूंकि आर्थिक राहत पैकेज के असली प्रभाव के बारे में हमें पता चलेगा। घरेलू बाजार आज घोषित हुए पैकेज पर अपनी प्रतिक्रिया देगा, वहीं यूएस हाउस रिप्रेजेंटेटिव भी आज आर्थिक राहत पैकेज को सीनेट में पास करवाने को प्राथमिकता देंगे। ये निर्णय आगामी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों की दिशा तय करेंगे।  अमरदेव सिंह, हेड एडवाइजरी, एंजेल ब्रोकिंग लि०।

तेल की कीमतों में गिरावट से भारतीय अर्थव्यवस्था को होगा फायदा।

तेल की कीमतों में गिरावट से भारतीय अर्थव्यवस्था को होगा फायदा।
रिपोर्ट:गोविंद कुमार (दिल्ली)
 बुधवार को ल्युशियाना लाइट और मार्स यूएस के क्रमश: 21 फीसदी और 3 फीसदी बढ़ने के कारण यूएस शेल ऊपर रहा। वहीं अन्य ऑयल मानक जैसे ओपेक बास्केट, यूरल्स, डब्ल्यूटीआई क्रूड और ब्रेंट क्रूड में 8 से 13 फीसदी तक की गिरावट देखी गई। इंडियन बास्केट भी करीब 14 फीसदी तक गिरा। इसी प्रकार के ट्रेंड नैचुरल गैस में भी देखने को मिला, जो शुरुआत में 2 फीसदी बढ़ोतरी के बाद ओपनिंग प्राइज से 1.5 फीसदी नीचे गिरकर 1.721 डॉलर के लेवल पर पहुंच गया।

एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड, डीवीपी इक्विटी रणनीतिकार, ज्योति रॉय का कहना है कि ऑयल मार्केट की मौजूदा गिरावट के पीछे कई कारण हैं। ट्रेड वॉर और कोरोना वारयस के प्रभाव के अलावा क्रूड ऑयल अपने प्राइज वार का भी सामना कर रहा है, जहां वैश्विक कंपनियां लगातार कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ा रही हैं।

वास्तविकता में हो क्या रहा है?

पिछले कुछ समय में कच्चे तेल की जरूरत से ज्यादा सप्लाई हो रही है। ओपेक समूह इसके उत्पादन को सीमित करने में सक्षम हैं। खैर, कोरोनावायरस के विस्तार के कारण वैश्विक मांग में कमी आ गई और यह समूह आपस में बंट गया। मार्च तक किसी भी सर्वसम्मत निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका और ओपेक व नॉन ओपेक देशों ने उत्पादन बढ़ाना जारी रखा।

ट्रेड वॉर की ही तरह, अब रूस और सऊदी अरब के बीच ऑयल सप्लाई वॉर भी शुरू हो गया है। सऊदी अरब आधारित अर्मेको प्रति दिन 20 लाख बैरल के साथ उत्पादन बढ़ा रही है। वहीं रूसी सरकारी ऑयल कंपनी रोज़नेफ्ट पीजेएससी भी 1 अप्रैल से प्रति दिन 3 लाख बैरल प्रति दिन के उत्पादन की योजना बना रही है। लीबिया जैसे भू-राजनीतिक देश को भी उत्पादन बढ़ाने के लिए बाध्य किया जा सकता है।

इसके क्या प्रभाव होंगे?

इन निर्णयों से कच्चे तेल की सप्लाई बढ़ने से कीमतों में और कमी आएगी। यह तब हो रहा है, जब कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में कच्चे तेल की मांग कम हुई है। हम जिस बात के प्रत्यक्षदर्शी बन रहे हैं, जहां पर यदि उचित कदम न उठाए गए तो ऑयल मार्केट पूरी तरह से नेस्तानाबूत हो जाएगा। डब्ल्यूटीआई व ब्रेंट क्रूड के साथ यूएस शेल पहले ही 30 डॉलर की नीचे आ चुका है। अमेरिका द्वारा जारी किए गए 2 करोड़ ट्रिलियन डॉलर के प्रोत्साहन पैकेज से कुछ उम्मीद जगी है, जिससे आज कुछ सपोर्ट देखा जा सकता है। हालांकि उम्मीद की यह किरण काफी धुंधली है। सभी तेल उत्पादकों कीमतों को और गिरने से रोकने के लिए तत्काल प्रभाव से उत्पादन कम करना होगा।

भारत के लिए इसमें क्या है?

भारत को इस परिस्थिति का लाभ मिलेगा। कच्चे तेल की कीमतों में 10 प्रतिशत की गिरावट का सीपीआई इंफ्लेशन में 40 से 50 बीपीएस का सीधा असर होता है। इसके साथ ही 10 यूएसडी/बीबीएल ड्रॉप से क्रूड ऑयल में करीब 16.3 बिलियन फॉरेक्स की बचत होगी। हमारे देश ने 2019 में 44.8 लाख बीपीडी ऑयल का आयात किया है। और अब स्ट्रैट्जिक रिजर्व के लिए 5 हजार करोड़ के कच्चे तेल की खरीदी का निर्णय लिया गया है। इस कदम से भारत का 5.33 एमटी स्ट्रैटजिक पेट्रोलियम पूरी तरह से फुल हो सकता है, जो पहले से ही आधा भरा हुआ था। अंत में ईंधन की कम कीमतों से ग्राहकों की कुल आय में इजाफा होगा। इसलिए कोविड-19 के असर को देखते हुए कच्चे तेल की कीमतों का कम होना भारत के लिए अत्यंत आवश्यक राहत है।

Wednesday, March 25, 2020

सेंसेक्स, निफ्टी में आखिर दिखी तेजी 30 शेयर सेंसेक्स 692.79 पॉइंट ऊपर चढ़कर 26,674, 50 शेयर-निफ्टी इंडेक्स 190.80 पॉइंट ऊपर चढ़कर 7,801 पर हुआ बंद।

सेंसेक्स, निफ्टी में आखिर दिखी तेजी 

30 शेयर सेंसेक्स 692.79 पॉइंट ऊपर चढ़कर 26,674, 50 शेयर-निफ्टी इंडेक्स 190.80 पॉइंट ऊपर चढ़कर 7,801 पर हुआ बंद
रिपोर्ट:गोविंद कुमार (दिल्ली)

कल एक भयानक गिरावट के बाद आज सेंसेक्स और निफ्टी दोनों अपने महत्वपूर्ण लेवल पर आज वापस लौट आए हैं। मार्केट बंद होने तक निफ्टी-50 190.80 पॉइंट ऊपर चढ़कर 7,801.05 और सेंसेक्स 692.72 पॉइंट ऊपर चढ़कर 26,674.03 पर बंद हुआ। भारतीय बाजारों में तेजी के साथ अन्य एशियाई बाजारों निकेई, हैंग सेंग, एससीआई और कोस्पी भी बढ़त में रहे।

वित्त मंत्री का संबोधन:

मार्केट को सरकार से एक बेहतर प्रोत्साहन पैकेज की अपेक्षा थी। निफ्टी जहां 7900 अंकों पर ट्रेड कर रहा था, वहीं सेंसेक्स 27000 के आसपास था, जब वित्तमंत्री ने 20 मिनट का संबोधन दिया और इसके तुरंत बाद मार्केट में 150 से 200 पॉइंट की तेजी देखने को मिली। खैर सरकार द्वारा किसी आर्थिक पैकेज की घोषणा न होने से निवेशकों में निराशा हुई और फिर एक राउंड की बिकवली हुई। सकारात्मक बात यह रही है कि अंतिम 30 मिनट में मार्केट अपने महत्वपूर्ण लेवल में वापस आ गया।

अमेरिकी और यूरोपीय डेटा का आना बाकी:

यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों का डेटा बाद में आएगा और इससे विश्व की आर्थिक स्थिति की असल तस्वीर का पता चल पाएगा। कुछ आकलन में इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि कोरोनावायरस के कारण दूसरी तिमाही में जीडीपी में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है। यहां पर यह बात ध्यान रखने योग्य है कि जब तक यह पब्लिश होगा, तब तक कुछ चीजें पुरानी हो चुकी होंगी। ऐसा कोरोनावायरस के तेजी से फैलने और बाजार में तेज गिरावट के कारण हो सकता है। आज यूएस फ्यूचर में 5 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ अपर सर्किट लगा।

इंफोटेक और एनर्जी:

बीएसई, एस&पी बीएसई इंफोटेक स्टॉक्स बेस्ट परफॉर्मर बनकर उभरे। इन्होंने आज के दिन में कुल 6.95 फीसदी का मुनाफा कमाया। इसी प्रकार एनएसई में सभी आइटी कंपनियों में कुल 6.91 फीसदी की तेजी देखने को मिली। इसके बाद एमएनसी और एफएमसीजी कंपनियों में क्रमश: 3.87 फीसदी और 3.24 फीसदी की कमी देखने को मिली है। एनर्जी स्टॉक में आरआईएल में 6.7 फीसदी, ओएनजीसी में 3.39 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। एनर्जी में जीओसीएल 8.93 फीसदी की गिरावट के साथ सबसे बड़ा लूजर रहा। इसके बाद अडाणी गैस में 8.08 फीसदी की गिरावट देखने को मिली।

भारतीय परिदृश्य :

हालांकि सब कुछ अच्छा नहीं है, पर भारत के लिहाज से बेहतर बात यह है कि कोरोनावायर के खिलाफ लड़ाई में अच्छा काम कर रहा है। आज कोई भी देख इस वैश्विक महामारी से अछूता नहीं रहा है। खैर, भारत में मैन्युफैक्चरिंग करने और कंज्यूम दोनों करने की क्षमता है, इसलिए आर्थिक मंदी से उभरने में आसानी होगी। इसके साथ ही इससे क्षमता का निर्माण भी होगा। 

सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करें: कैसे कोविड-19 के बावजूद कंपनियां डिजिटल मॉल ऑफ एशिया के साथ कामकाज सुरक्षित तरीके से जारी रख सकती हैं।

सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करें: कैसे कोविड-19 के बावजूद कंपनियां डिजिटल मॉल ऑफ एशिया के साथ कामकाज सुरक्षित तरीके से जारी रख सकती हैं।
रिपोर्ट:जग्गू बोहरा
नई दिल्ली, 25 मार्च, 2020: कोविड-19 ने दुनियाभर में व्यापक स्तर पर व्यापार को प्रभावित किया है। एक तरफ यह ऑफलाइन कंपनियों को वित्तीय घाटे के कारण खर्च की रणनीति बनाने और बिज़नेस रोकने और कर्मचारियों की छटनी करने पर विवश कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ कोरोना वायरस के चलते घरों मे रुकने के कारण ऑनलाइन खरीदी करने वाले ग्राहक तेजी से बढ़े हैं और इससे ऑनलाइन कंपनियों, खासकर ग्रॉसरी सेगमेंट की कंपनियां आपूर्ति बढ़ाने को विवश हैं।

इस तरह के तनाव भरे माहौल में, जब कंपनियां संचालन जारी रखने के प्रयास कर रही हैं या फिर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का रुख कर रही हैं, डिजिटल मॉल ऑफ एशिया (डीएमए) एक उपहार के रूप में आया है। जहां कंपनियों को अपनी रणनीति को लेकर काफी मंथन करना पड़ रहा है कि उन्हें डिजिटल या टेक्नोलॉजिकल तरीकों का रुख करना चाहिए, वहीं डीएमए उनके लिए कई प्रकार के उपाय लेकर आया है, जो भारत में व्यापारियों और ग्राहकों दोनों को फायदा पहुंचाएगा।

डीएमए, एक इनोवेटिव डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो कंपिनियों और व्यापारियों को वर्चुअल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवाता है, जहां कंपनियां या व्यापारी अपने लिए बिना किसी कमीशन के स्पेस रेंट कर सकते हैं। जिस प्रकार वास्तविक दुकान किराए पर ली जाती है, उसी प्रकार कोई भी डिजिटल स्पेस में दुकान किराए में ले सकता है। इसमें लाइलेंस फीस के अलावा मामूली मासिल किराया देना होता है और इसमें ब्रैंड की मार्केटिंग भी शामिल है। व्यापारी इसमें ई-फूड कोर्ट, ई-नाइटक्लब, ई-हायपर मार्केट, ई-डिजिप्लेक्स और अन्य विकल्प मिलते हैं।

इस महत्वपूर्ण परिस्थिति पर बात करते हुए डिजिटल मॉल एशिया के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर मि ऋषभ मेहरा ने कहा कि “कोविड-19 का प्रभाव कुछ बिज़नेस पर व्यापक तौर पर देखने को मिला है। जहां कई कंपनियों ने सुरक्षा कारणों के चलते संचालन बंद कर दिया है और कर्मचारियों को घर से काम करने की सलाह दी है, वहीं कई बिज़नेस ऐसी भी हैं, जो ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं। अगर ये ऑनलाइन होने का निर्णय करते भी हैं, तो फंड व अन्य संसाधनों का अभाव उनके निर्णय को प्रभावित करता है। ई-कॉमर्स के क्षेत्र में एक जिम्मेदार बिज़नेस लीडर होने के नाते हमें ऐसा हल निकालना चाहिए जो ब्रैंड या व्यापारियों को खासकर ऐसे समय में आसानी से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में स्विच करने में मदद करे। डीएमए इसको मुमकिन बना रहा है। हम ऑनलाइन बिज़नेस के लिए स्पेस रेंट मुहैया करवा रहे हैं और उनके बिज़नेस को विभिन्न तरीकों से सशक्त करेंगे ताकि वे इस महामारी में सुरक्षित तरीके से अपने बिज़नेस का संचालन कर सकें।”

ऑनलाइन स्पेस किराए में देने के साथ ही डीएमए न सिर्फ ब्रैंड व व्यापारियों की ई-कॉमर्स की मुश्किलों जैसे अनुमति लेना, सेटलमेंट में देरी और उत्पादों की डिलिवरी में देरी को कम कर रहा है, बल्कि इसके मौजूदा व्यापारिक परिस्थितियों में कोविड-19 से लड़ने में भी अपना सहयोग प्रदान कर रहा है।

डिजिटल मॉल ऑफ एशिया के बारे में

विश्व के डिजिटल और रिटेल क्षेत्र में एक कामयाबी के तौर पर डिजिटल मॉल ऑफ एशिया अपनी तरह का पहला डिजिटल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है ।

Monday, March 16, 2020

मशहूर बॉडी बिल्डर नीरज तंवर के अंतिम संस्कार पर उमड़ा जन सैलाब। बॉडी बिल्डरों में थी ख़ास पहचान।

मशहूर बॉडी बिल्डर नीरज तंवर के अंतिम संस्कार पर उमड़ा जन सैलाब ।

नीरज तंवर ने बॉडी बिल्डिंग में बनाई थी अपनी ख़ास पहचान।

नीरज तंवर के नाम कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड हैं। नीरज तंवर दिल्ली में फतेहपुर के रहने वाले थे। वह 33 वर्ष के थे। वह भारत के मशहूर बॉडी बिल्डर थे। नीरज तंवर के सोशल मीडिया पर हजारों फैंस हैं। नीरज की जान 15 मार्च को ज़हर खाने की वज़ह से हुई थी।लेकिन अभी कारणों का पता नहीं चल पा रहा है कि नीरज तंवर ने किन वजहों से जहर खाकर खुदकुशी की है।

नीरज का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव फतेहपुर में किया गया। इस दौरान हजारों लोगों का जन सैलाब उमड़ पड़ा। खासतौर से उनके दोस्त, फैन्स और आसपास के गांवों से भारी भीड़ उमड़ी।


Saturday, March 14, 2020

दिल्ली से सटे नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भारी ओलावृष्टि,ग्रेटर नोएडा की बिजली हुई गुल।

नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में भारी ओलावृष्टि, शहरों में बिजली गुल और ट्रैफिक हुआ जाम।

बिन मौसम के बारिश मौसम ने हालत खराब कर दी है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में भारी ओलावृष्टि हुई है। 

ग्रेटर नोएडा में भारी बारिश हो रही है। दिन में ही रात जैसे हालात बन गए हैं। दोनों शहरों में बिजली गुल है और सड़कों पर ट्रैफिक जाम लग गया है। सड़को ने ओढ़ ली सफेद चादर ।

Monday, March 2, 2020

देश में वेश्या भी भारत को 100% साक्षर करने की उठाएगी आवाज अशिक्षा की वजह से लड़कियों का ना हो व्यापार।

देश में वेश्या भी भारत को 100% साक्षर करने की उठाएगी आवाज अशिक्षा की वजह से लड़कियों 
का ना हो व्यापार।

संजीव भाटी ग्रेटर नोएडा-
हेलमेट मैन राघवेंद्र कुमार दिल्ली पुलिस की मदद से महिला दिवस पर 8 मार्च को दोपहर 1:00 बजे से एंग्लो एरेबिक स्कूल अजमेरी गेट न्यू दिल्ली के पास कार्यक्रम का आयोजन रखा हुआ है।
इसका मकसद भारत सरकार को संदेश देना कैसे किसी की पिता की सड़क दुर्घटना में मौत हो जाती है बचपन में मां का साया उठ गया और हाथों में किताब उठाने का समय हुआ तो सड़क दुर्घटना में पिता की जान चली गई और समाज में लोग सिर्फ अपनी बहन बेटियों को इज्जत करना जानते हैं मुझे गैरों की तरह समझ कर वह समाज बाजार में धकेल देता है. आज भारत में 36% लड़कियां शिक्षा नहीं ले पाती हैं और इसका कारण है भारत के 73 साल आजादी के बाद भी देश में सभी लोग साक्षर नहीं हुए. शिक्षा के अभाव में 90 लाख महिला कोठे की शिकार होकर किसी तहखाने में बंद हो जाती हैं. हेलमेट मैन अपने अभियान से ऐसे कई सारे लोगों को अपने कार्यक्रम का मुख्य अतिथि बनाते रहते हैं जो समाज उनको देखना पसंद नहीं करता।
हर साल महिला दिवस पर भारत में कई जगह जो सेलिब्रिटी होती है उन्हें सम्मानित किया जाता है. लेकिन समाज में ऐसे निचले वर्ग की महिला को सम्मान की दृष्टि से सोचना दूर की बात इन्हें कोई सुनना भी पसंद नहीं करता. अगर भारत को 100% साक्षर करने का और सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए हमें सभी वर्ग को एक साथ मिलकर कार्य करना होगा।
सड़क पर  बिना हेलमेट चलने वालों को ऐसी महिला एक गुलाब देकर उन्हें हेलमेट देंगी ताकि भविष्य में बिना हेलमेट चलने वालों की मौत ना हो क्योंकि उनके घर में भी बच्चे हैं अगर वह अनाथ हो गए तो कहीं उनकी जैसी दूसरी कोई और लड़की जिंदगी नरक बन कर  बाजार की वेश्या ना बने।अगर यह शिक्षित होती तो आज अपने पैरों पर खड़े होकर नौकरी के साथ समाज को आगे बढ़ाने का कार्य करती।
अगर आप भी इस कार्य में योगदान देना चाहते हैं तो पुरानी पुस्तक लेकर जरूर आएं और अपनों की सुरक्षा के लिए हेलमेट ले जाए और आपकी पुरानी पुस्तक से जो महिला रेड लाइट एरिया में है उनके बच्चे को शिक्षा में योगदान मिलेगा और हमारा देश 100% साक्षर होकर महान बनेगा।