Tuesday, June 23, 2020

अब घर बैठे अपनी फ़सल का सौदा करें एग्रीबाज़ार मोबाइल ऐप के ज़रिए।

अब घर बैठे अपनी फ़सल का सौदा करें एग्रीबाज़ार मोबाइल ऐप के ज़रिए।
रिपोर्ट:गोविंद कुमार(दिल्ली टाइम्स न्यूज़)

दो गज़ की दूरी भी, सही दाम भी और समय पर पैसा भी आपके बैंक खाते में

 ●        देश भर में किसान ई-नाम जैसे पोर्टल्स और एग्रीबाज़ार जैसी इलेक्ट्रॉनिक मंडियों के ज़रिये ऑनलाइन खरीदी और बिक्री कर रहे हैं

●        राजस्थान में एग्रीबाज़ार का प्रोग्राम काफ़ी सफ़ल रहा है, जहां किसान एग्रीबाज़ार इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफ़ार्म के ज़रिये सीधे मिलों को फ़सल बेचते हैं।

●        एग्रीबाज़ार ऐप डाउनलोड किया जा सकता है, या टोल-फ़्री ऑल इंडिया नंबर + 91 9090397777 पर कॉल करके टेली मदद ली जा सकती है

 22 जून, 2020: कोविड19 प्रकोप के दौरान, भारत के पहले निजी क्षेत्र के इलेक्ट्रॉनिक कृषि मंडी एग्रीबाज़ार ऐप को पूरे भारत में छोटे किसानों से जबरदस्त प्रतिक्रिया (400% की वृद्धि) मिली है। इस ऐप को डाउनलोड करके, किसान अपनी उपज का विवरण अपलोड करने में मदद करते हैं और फोन बटन के टैप से खरीदारों को सीधे ढूंढते हैं। यह प्लेटफार्म पारदर्शिता और प्रत्यक्ष क्रेता-विक्रेता बातचीत की सुविधा देता है, और यह सुनिश्चित किया जाता है कि छोटे किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके।

शुरुआत से ही, एग्रीबाज़ार ऐप प्लेटफॉर्म में लगभग 10,000 व्यापारी और प्रोसेसर 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 100 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के 2 लाख से अधिक किसानों के नेटवर्क से जुड़ चुके हैं। उदाहरण के लिए, ऐप के ज़रिये प्रधानमंत्री जन कल्याण अन्न योजना के तहत पूरे भारत में 8 मिलियन मीट्रिक टन दाल खरीदी और बेची गई है। इसी तरह, अकेले मध्य प्रदेश राज्य में, ऐप से सफलतापूर्वक 40,000 मीट्रिक टन अनाज की नीलामी कर गई है, जिससे किसानों के बीच अपनी उपज बेचने के तरीके में तेज़ी से बदलाव आया है। 2016 में अपनी स्थापना के बाद से, ऐप ने 14,000 करोड़ जीएमवी का व्यापार किया है।
एग्रीबाज़ार के सह-संस्थापक और सीईओ अमित अग्रवाल ने कहा, “कोविड-19 भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए एक वास्तविक परीक्षा और हकीकत का आईना रहा है। इसने साबित कर दिया है कि कैसे डिजिटल और एग्री-टेक प्लेटफॉर्म के ज़रिये छोटे किसान सोशल डिस्टैंसिंग के मानदंडों को बनाए रखते हुए अपनी उपज उचित दर पर और अधिक तेजी से बेच सकते हैं। हमारे ई-मंडी ऐप को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है, और भारतीय किसानों ने बड़ी तेजी से इसे अपनाकर हमें भी हैरान कर दिया है। मैं इस ट्रेंड को भविष्य में आगे बढ़ते हुए देखता हूं, जहां सभी किसान तकनीक का इस्तेमाल करके एग्री-वैल्यू चेन में आगे बढ़ेंगे।”
इसी तरह, राजस्थान में, हमारे कार्यक्रम को बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है, जहां किसान एग्रीबाज़ार मोबाइल ऐप से अपनी उपज सीधे मिलों को बेच सकते हैं। इस कार्यक्रम को जल्द ही अन्य राज्यों में भी शुरू किया जाएगा।
आज किसान अपनी उपज बिना किसी मंडी में जाए बेच सकते हैं, जिससे कोविड19 के दौरान उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य को भी मदद मिली है। एक बार सौदा पूरा हो जाने के बाद, गृह मंत्रालय (एमएचए) की सुरक्षा और एसओपी के दिशानिर्देशों के अनुसार, एग्रीबाज़ार की ऑन ग्राउंड सेवाएं किसान से उपज लेने और इसे खरीदार के गंतव्य तक पहुंचने का इंतज़ाम करती है।
एग्रीबाज़ार ऐप आईओएस और ऐप स्टोर दोनों से डाउनलोड किया जा सकता है और इसे स्मार्ट और फीचर फोन दोनों में चलाया जा सकता है। किसान टोल-फ़्री ऑल इंडिया नंबर + 91 9090397777 पर कॉल कर सकते हैं और एक कंपनी एक्ज़ीक्यूटिव प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण करने और ट्रेडिंग शुरू करने के लिए जानकारी अपलोड करने पर उनका मार्गदर्शन कर सकते हैं।

एग्रीबाज़ार के बारे में:

एग्रीबाज़ार एक कुशल और सहज सिस्टम वाला ऑनलाइन मार्केटप्लेस है जो भारतीय कृषि क्षेत्र को भविष्य के लिए तैयार समाधान देता है। भारतीय कृषि-व्यवसाय बिखरा हुआ है, और एग्रीबाज़ार अपनी अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों के साथ तकनीक से सक्षम बनाने पर काम कर रहा है। गोदाम, जमानती वित्तपोषण और वैल्यू-ऐडेड सेवाओं के साथ, एग्रीबाज़ार कई राज्यों में फ़ैला है और पूरे इकोसिस्टम की दक्षता को बढ़ाता है।
एक संपूर्ण एग्रीटेक कंपनी के रूप में, एग्रीबाज़ार ने एक (इलेक्ट्रॉनिक) ई-मंडी एग्रीगेटर मॉडल में भौतिक मंडी जैसी जगह बनाई है।
प्लेटफॉर्म पर व्यापार करने के लिए, किसान को एग्रीबाज़ार प्लेटफॉर्म पर अपनी उपज अपलोड करने के लिए रजिस्टर करना होगा।
खरीदार (व्यापारी, व्यापारी और प्रोसेसर) किसी फसल की नीलामी चुन सकते हैं और उसकी बोली लगा सकते हैं।
सीधे खरीदारों और विक्रेताओं के बीच मोलभाग है। वे किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के बिना सौदा पूरा करते हैं।
सौदा पूरा हो जाने के बाद, एग्रीबाज़ार का ऑन-ग्राउंड स्टाफ पिक-अप शुरू कर देता है। वर्तमान महामारी के बीच, यह पूरी प्रक्रिया संपर्क रहित है।
कृषि उपज लेने के लिए टीम किसान के घर (पिछवाड़े) या मैदान पर पहुंचती है। किसान या तो छह फीट की दूरी बनाए रखता है या फोन पर निर्देश देता है।
माल की डिलिवरी के लिए भी कंपनी इसी संपर्क रहित प्रक्रिया का अनुसरण करती है।
माल पहुंचाने के बाद, किसानों के बैंक खाते में ई-भुगतान कर दिया जाता है, नोटों को छूने की समस्या के बिना।

Sunday, June 21, 2020

एक-तिहाई से ज्यादा इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स को भर्तियों की चिंताः ब्रिजलैब्ज सर्वेक्षण ।

एक-तिहाई से ज्यादा इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स को भर्तियों की चिंताः ब्रिजलैब्ज सर्वेक्षण।
रिपोर्ट:गोविंद कुमार(दिल्ली टाइम्स न्यूज़)
 
● विभिन्न इंजीनियरिंग स्ट्रीम्स से जुड़े 1000 उत्तरदाताओं के बीच कराया गया सर्वेक्षण

● पता चलता है कि कैंपस प्लेसमेंट के प्रावधानों के बावजूद 76% उम्मीदवारों को आज तक नौकरी का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है

● सर्वेक्षण के जरिये वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में मजबूत कौशल के महत्व को रेखांकित करते हुए रोजगार संकट पर प्रकाश डाला गया

21 जून, 2020: अपने आला कार्यक्रमों और बूट कैम्प के माध्यम से भारत के तकनीकी पूल की रोजगार क्षमता को विस्तार देने के लिए प्रतिबद्ध ब्रिजलैब्ज सॉल्युशंस एलएलपी ने अब अपने प्लेटफॉर्म पर जॉब प्लेसमेंट पर इंजीनियरिंग स्नातकों के बीच सर्वेक्षण किया है। भारत की सबसे बड़ी आईपी-संचालित इनक्यूबेशन लैब द्वारा किए गए नवीनतम ऑनलाइन सर्वेक्षण में विभिन्न इंजीनियरिंग स्ट्रीम से जुड़े लगभग 1000 उम्मीदवारों (60% लड़कों और 40% लड़कियों सहित) की सैम्पल साइज शामिल था। इस सर्वेक्षण ने आज नौकरी की तलाश करने वालों की कुछ प्रमुख चिंताओं को सामने रखा है।

सर्वेक्षण के निष्कर्षों ने महामारी के बाद की हमारी दुनिया में इंजीनियरों को 'जॉब रेडी' करके स्किल-सेल के गैप्स को दूर करने की आवश्यकता को साबित किया है। 76% उत्तरदाताओं ने स्वीकार किया कि उनके कॉलेजों में एक्टिव प्लेसमेंट सेल है जबकि बाकी ने इसके उलट दावा किया है। यह उल्लेखनीय है कि यद्यपि अधिकांश छात्रों ने सक्रिय प्लेसमेंट सेल होना स्वीकार किया है, लेकिन पांचवें हिस्से से थोड़े ज्यादा यानी 24% उत्तरदाता ही उनके जरिये नौकरी हासिल कर सके हैं। छात्रों के एक बड़े हिस्से को अब तक किसी भी तरह की नौकरी की पेशकश नहीं हुई है। इसका तात्पर्य यह है कि वर्तमान में 78.64% छात्रों के पास कोई नौकरी नहीं है।

सर्वेक्षण के अनुसार 35.48% इंजीनियरिंग में नौकरी चाहने वाले समय पर प्लेसमेंट को लेकर चिंतित हैं। महामारी की वजह से चल रही आर्थिक मंदी की पृष्ठभूमि में कई संगठनों ने या तो अपनी भर्ती प्रक्रियाओं को रोक दिया है या बड़े पैमाने पर छंटनी कर रहे हैं। इस अस्थायी अयोग्यता ने नए इंजीनियरिंग स्नातकों के संकट को बढ़ा दिया है जो इस संकट के समय में भी अवसर की तलाश में हैं। 

उनकी आशंकाएं कई मुद्दों के इर्द-गिर्द घूम रही हैं। इनमें मनचाहे वेतन पैकेज से लेकर नौकरी के प्रस्ताव तक सबकुछ शामिल हैं। यह ध्यान देने योग्य बात है कि केवल 26.96% उत्तरदाताओं को अपने मौजूदा स्किल सेट के दम पर मनचाहा वेतन पैकेज मिलने का विश्वास है। आंकड़े बताते हैं कि नौकरी चाहने वालों के बीच आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए अनुभवात्मक लर्निंग से सपोर्टेड एक मजबूत स्किलसेट के महत्व को सामने लाते हैं।

ब्रिजलैब्ज के सीईओ नारायण महादेवन ने सर्वेक्षण के निष्कर्षों पर कहा, “सर्वेक्षण ने कई विचार बिंदुओं को सामने लाया है। सबसे पहले सभी इंजीनियरिंग उम्मीदवारों को अपने कॉलेजों में कैंपस प्लेसमेंट का प्रावधान नहीं है। दूसरे, ऐसे प्रावधानों तक पहुंच भी नौकरी की गारंटी नहीं दे सकती है। विशेष रूप से मौजूदा आर्थिक मंदी के कारण भर्ती प्रक्रियाओं को रोकने की वजह से ऐसा हो सकता है। और, अंतिम लेकिन महत्वपूर्ण, नौकरी तलाशने वालों को इस बात पर जरा-भी विश्वास नहीं है कि उन्हें जल्द ही मनचाहे पैकेज के साथ नौकरी मिल जाएगी।”

महादेवन ने कहा, "मौजूदा स्थिति को देखते हुए, एक मजबूत स्किलसेट की जरूरत है जो न केवल यह सुनिश्चित करे कि नौकरी तलाशने वाले को प्रतिस्पर्धी रोजगार बाजार में बढ़त हासिल हो, बल्कि उसे मनचाहा वेतन पैकेज भी प्राप्त हो, जो उसके प्रयासों के अनुरूप हो।"

ब्रिजलैब्ज सॉल्युशंस एलएलपी का लक्ष्य उभरती टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इंजीनियरिंग प्रतिभा और विचारों का पोषण करना है और 2016 में अपनी स्थापना के बाद से फैलोशिप प्रोग्राम के माध्यम से पूरे भारत में 1500 से अधिक इंजीनियरों को प्रशिक्षित और नियोजित किया है। कंपनी अपने प्रयासों को विस्तार देने के लिए भारत के इंजीनियरिंग प्रतिभा पूल को अपडेट करने और उन्हें उद्योग के लिए तैयार करने की दिशा में बूट कैंप का भी आयोजन करती है।

पेटीएम फर्स्ट गेम्स ऐप पर रमी खेल कर घर बैठे पैसे कमाएं, जानिए कैसे।

पेटीएम फर्स्ट गेम्स ऐप पर रमी खेल कर घर बैठे पैसे कमाएं, जानिए कैसे।
 
रिपोर्ट:गोविंद कुमार (दिल्ली टाइम्स न्यूज़)
21 जून, 2020:   रमी भारत में एक घरेलू खेल है और लॉकडाउन के बीच उसने और भी लोकप्रियता हासिल कर ली है। पेटीएम फर्स्ट गेम्स ऐप इस कार्ड गेम को खेलने का अनुभव पूरे नए स्तर पर ले गया है। इस लोकप्रिय गेम को यूजर-फ्रेंडली डिजिटल फॉर्मेट में लाने और सभी उम्र के गेमर्स के लिए इसे मनोरंजक बनाने के अलावा, पेटीएम फर्स्ट गेम्स ऐप अपने यूज़र्स को यह गेम खेलते समय आसानी से पैसा कमाने की सुविधा भी देता है।

दिलचस्प बात यह है कि इस ऐप पर हर दिन लाखों भारतीय रमी खेलते हैं। खिलाड़ी हर दिन टूर्नामेंट में भाग ले सकते हैं, लीडरशिप बोर्ड पर अपनी रेटिंग देख सकते हैं, खेल के नियम जान सकते हैं और यहां तक कि खेलने के लिए प्रतिस्पर्धियों की संख्या भी चुन सकते हैं।

खिलाड़ियों को बस नियमों का पालन करना है और तदनुसार एक सही घोषणा करने के लिए कार्ड को सही सेट और क्रम में व्यवस्थित करना होता है।
जानिए कैसे आप पेटीएम फर्स्ट गेम्स ऐप को चंद मिनटों में इंस्टॉल कर अपना अकाउंट बना सकते हैं और रमी खेलकर घर बैठे नकद कमा सकते हैं।


पेटीएम फर्स्ट गेम्स कैसे डाउनलोड करें:

- https://paytmfirstgames.com/ पर लॉग ऑन करें

- अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें और "गेट ऐप लिंक एसएमएस" बटन पर क्लिक करके मोबाइल एप्लिकेशन लिंक वाले टेक्स्ट संदेश पाएं।

- डाउनलोड शुरू करने के लिए एसएमएस में दी गई लिंक पर क्लिक करें और अपने मोबाइल फोन पर पेटीएम फर्स्ट गेम इंस्टॉल करें।

- पेटीएम फर्स्ट गेम ऐप इंस्टॉल करने के लिए आप वेबसाइट पर क्यूआर कोड भी स्कैन कर सकते हैं।


खाता कैसे बनाएं और कैसे रमी खेलें:

- यूजर्स अपने पेटीएम के पंजीकृत मोबाइल नंबर और पासवर्ड से या ओटीपी से लॉग इन करके ऐप पर खाता बनाते हैं।

- यदि यूज़र्स के पास पेटीएम खाता नहीं है, तो ऐप कुछ ही मिनटों में तुरंत साइन अप करने का विकल्प देता है।

- अकाउंट बन जाने के बाद, गेम्स के विशाल संग्रह से रमी चुनें। इसे खोलें और बजट के अनुसार अपने रमी खाते में कुछ नकदी जोड़ें। आप अपना पसंदीदा भुगतान तरीका चुन सकते हैं जिसमें पेटीएम वॉलेट, नेट बैंकिंग, पेटीएम यूपीआई या कार्ड शामिल हैं।

- आप ‘टूर्नामेंट’ के आइकॉन पर भी टैप कर सकते हैं और वह टूर्नामेंट चुन सकते हैं जिसमें आप भाग लेना चाहते हैं।
 
बस, खेलना शुरू करें और अपने प्रतिद्वंद्वी को हराने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दें। रमी में असली नकदी से खेलने और नकद कमाने का सबसे सरल तरीका है।

दुनिया भर में लॉकडाउन संबंधी उपायों को हटाने के बीच सोने की कीमतों में मामूली कमी आई।

दुनिया भर में लॉकडाउन संबंधी उपायों को हटाने के बीच सोने की कीमतों में मामूली कमी आई।

रिपोर्ट:गोविंद कुमार (दिल्ली टाइम्स न्यूज़)

 दुनियाभर की सरकारों के लिए टेस्टिंग बढ़ाने व सुरक्षा उपायों को लागू करने के साथ-साथ विनिर्माण और उत्पादन इकाइयों को फिर से शुरू करने को लेकर उठाए जाने वाले कदम मुख्य चिंता का विषय बने हुए हैं। दुनिया की अर्थव्यवस्था की सामान्य स्थिति में जल्द से जल्द वापसी की संभावना पर कोरोनोवायरस की दूसरी और अधिक शक्तिशाली लहर का डर भी हावी है।एवीपी, रिसर्च- नॉन-एग्री कमोडिटी एंड करेंसी, एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड।

 सोना

बुधवार को, स्पॉट गोल्ड 0.04 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 1727 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ। अमेरिकी डॉलर की दरों में काफी सुधार होने लगा, जिससे अन्य मुद्रा धारकों के लिए पीली धातु महंगी हो गई।

 इसके बावजूद, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयर जेरोम पावेल ने घोषणा की कि आने वाले महीनों के लिए ब्याज दरें कम रहेंगी।

 बैंक ऑफ जापान ने एक ट्रिलियन डॉलर मूल्य के स्टिमुलस और इनफ्यूजन पैकेजों की घोषणा की, जिसने सोने की कीमत में गिरावट को सीमित किया। इसके अलावा, कोरोनावायरस मामलों की संख्या में वृद्धि, विशेष रूप से चीन के कुछ प्रांतों में, लागत बढ़ सकती है।

चांदी
बुधवार को स्पॉट सिल्वर की कीमतें 1.06 प्रतिशत बढ़कर 17.6 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुईं, एमसीएक्स पर कीमतें 0.22 प्रतिशत बढ़कर 0.8436 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुईं।

कच्चा तेल

बुधवार को डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमतें 1.09 प्रतिशत कम होकर 38 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुईं, क्योंकि दुनिया के कई हिस्सों में कोरोनावायरस के नए मामले सामने आए थे।

 इसके अलावा, यू.एस. क्रूड इन्वेंटरी का स्तर लगभग 1.2 मिलियन बैरल बढ़ गया, जिसने दुनियाभर में कमजोर मांग के कारण कीमतों को और कम कर दिया।

क्रूड की कीमतों में गिरावट सीमित थी क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने तेल की मांग को बढ़ाकर 91.7 मिलियन बैरल प्रति दिन (बीपीडी) कर दिया था, जो मई में इसके प्रोजेक्शन से 500,000 बीपीडी अधिक था।

बेस मेटल्स

बुधवार को लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) पर बेस मेटल की लागत पॉजीटिव नोट पर बंद हुई। इसके कारण  संभावित वैक्सीन समर्थित बाजार सेंटीमेंट और्स कई देशों के सकारात्मक आर्थिक आंकड़े थे।

 दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने मंदी जैसी स्थितियों से निपटने के लिए निर्णायक उपायों और साधनों की घोषणा की। इन उपायों ने बेस मेटल की कीमतों को सपोर्ट किया।

 पिछले एक हफ्ते में बीजिंग में 100 से अधिक नए मामलों के साथ महामारी का पुनरुत्थान हुआ है। इससे एक बार फिर से मूवमेंट पर प्रतिबंध बढ़ गए हैं।

कॉपर

बुधवार को एलएमई कॉपर 0.72 प्रतिशत की तेजी के साथ 5770 डॉलर प्रति टन पर बंद हुआ क्योंकि लॉकडाउन से संबंधित प्रतिबंधों को हटाने और दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों द्वारा प्रभावित प्रोत्साहन पैकेजों ने कीमतों का समर्थन किया।

 कई देशों को कोरोनावायरस के प्रकोप की दूसरी लहर का सामना करना होगा। बेरोजगारी की उच्च दर से निपटना होगा। दुनिया भर में पूर्ववत स्थिति में वापसी की झलक मिल रही हैं, और विश्व अर्थव्यवस्था जल्द ही ठीक होने की उम्मीद है।

Saturday, June 20, 2020

कैराना भारतीय किसान यूनियन की बैठक सम्पन्न ,चीन को ईट का जवाब पथ्थर से दे भारत सरकार ।भवर सिँह तोमर

कैराना भारतीय किसान यूनियन की बैठक सम्पन्न ,चीन को ईट का जवाब पथ्थर से दे भारत सरकार ।भवर सिँह तोमर ।
रिपोर्ट:सलीम चौधरी कैराना(दिल्ली टाइम्स न्यूज़ शामली)
कैराना मे भाकियू की एक बैठक के दोरान मण्डलध्यक्ष
चौधरी भवर सिँह तोमर ने भाकियू कार्यकर्ताओं की बैठक को सम्बोधित करते हुऐ।
कहा है कि चीन ने भारत कि पीठ मे छूरा घोपने का काम किया है जिसे भारत और भारतीय कभी बरदास्त नही करेगे जीसका भारत सरकार ने मुहँ तोड जवाब देना चाहिए।
वही जब गन्ना किसानो के भुगतान को लेकर सरकार पर खटास निकाली गयी और किसानो कि मांग को लेकर राज्य सरकार को भी आवगत कराया गया तथा क्षैत्र के खादर क्षेत्र मे चल रहे वेध रेत खनन का खेल से कुछ अवैध कि जानकारी भी उपल्बध कराई गई जिसको लेकर भाकियू आलाधिकारियों से मिलकर खनन कि जाँच कराएगें बैठक मे कुछ कार्यकर्ताओं को भी पद नियुक्ति पत्र दिये इस मोके पर नदीम चौधरी नगरध्यक्ष,मा० रमजानी उपाध्यक्ष,आबिद नदीम मीडिया प्रभारी, दिपक कश्यप आदि लोग मोजूद रहें।

ट्रक व डीसीएम केन्टर की भीडत मे केन्टर परिचालक गम्भीर रूप से घायल।

ट्रक व डीसीएम केन्टर की भीडत मे केन्टर परिचालक गम्भीर ।

रिपोर्ट:सलीम चौधरी कैराना

दिल्ली टाईम्स न्यूज शामली ब्यूरो -

कैराना 20जून नगर के पानीपत खटीमा राजमार्ग स्थित बाईपास पर देर रात्री के समय ओवरलोड ट्रक ने ओवरटेक कर सामने से आ रहे डीसीएम केन्टर मे टक्कर मार दी जिसके चलते डीसीएम तेज टक्कर लगने से ग्रस्थ हो गया वही केन्टर परिचालक गम्भीर रूप से घायल हो गया जिसको राहगीरो द्वारा आनन फानन मे शामली के एक नीजी हस्पताल मे भर्ती कराया गया
वही दुसरी ओर समाचार लिखे जाने तक एक दुसरे वहान के विरूध कोई पुलिस कार्यवाही नहीं होई थी।

Wednesday, June 17, 2020

यू.एस. डॉलर की रिकवरी शुरू होते ही सोने की कीमतों में गिरावट।

यू.एस. डॉलर की रिकवरी शुरू होते ही सोने की कीमतों में गिरावट।
 गोविंद कुमार(नई दिल्ली):
वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं ने लॉकडाउन के दौरान नियंत्रण और प्रक्रियाओं में शिथिलता लाकर विकास और निर्यात सुविधाओं को फिर से शुरू करने के तरीकों पर बहस शुरू कर दी है। हालांकि, कोरोना महामारी के पुनरुत्थान और चिंता निवेशकों की उम्मीदों पर असर डाल रही है और बाजार की भावनाओं को प्रभावित कर रही है।प्रथमेश माल्या एवीपी- रिसर्च नॉन-एग्री कमोडिटी एंड करेंसीज एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड

सोना

सोमवार को अमेरिकी डॉलर की कीमत बढ़ने से स्पॉट गोल्ड की कीमतें 0.30 प्रतिशत कम होकर 1724.6 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई। इस फेक्टर ने विभिन्न देशों में अन्य मुद्राधारकों के लिए पीली धातु की कीमत को अधिक महंगा कर दिया और परिणामस्वरूप लागत में कमी आई।

वैश्विक बाजार में बढ़ती अनिश्चितताओं ने निवेशकों को अमेरिकी डॉलर की ओर शरण लेने के लिए प्रेरित किया है, जिसे एक सेफ हैवन भी माना जाता है। 9 जून 2020 को समाप्त सप्ताह में निवेशकों ने कॉमेक्स गोल्ड और सिल्वर में तेजी के दांव को रौंद दिया।

हालांकि, महामारी की एक और शक्तिशाली दूसरी लहर की चिंता बनी रही। इसने सोने की कीमत में कमी को सीमित कर दिया। इसके अलावा, अमेरिका में मामलों की लगातार बढ़ती संख्या लागत को स्थिर रख सकती है।

 
चांदी

सोमवार को स्पॉट सिल्वर की कीमतें 0.06 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 17.4 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई। एमसीएक्स पर कीमतें 0.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 47393 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुईं।


कच्चा तेल

सोमवार को डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमतें 2.37 प्रतिशत बढ़कर 37.1 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुईं। इस वृद्धि को संयुक्त अरब अमीरात के ऊर्जा मंत्री की घोषणा का भी समर्थन मिला कि ओपेक के जिन सदस्यों ने उत्पादन कटौती की पर सहमति की है लेकिन उसका पालन नहीं कर रहे, उन्हें अनिवार्य रूप से अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करना होगा।

चीन के कुछ प्रांतों में नए मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। कोरोनावायरस को लेकर डर 2 मिलियन से अधिक संक्रमित मामलों के साथ यू.एस. में बना हुआ है। इसके अलावा, कई देशों में हवाई और सड़क यातायात पर प्रतिबंध ने क्रूड ऑयल की कीमत में किसी भी तरह की वृद्धि को सीमित किया हुआ है। 


बेस मेटल्स 

सोमवार को, लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) पर बेस मेटल की कीमतों में कॉपर को इस समूह में सबसे बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ा।  कीमतों में वृद्धि नहीं हुई क्योंकि अमेरिकी डॉलर के बढ़े हुए मूल्य ने आधार धातुओं को अन्य मुद्रा धारकों के लिए महंगा कर दिया। दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में बढ़ते मामलों के साथ एक टीके के निर्माण को लेकर अनिश्चितता बढ़ रही है, जिससे बाजार की धारणा प्रभावित हुई। चीन की स्थिर घरेलू मांग और औद्योगिक क्षेत्र में गतिविधियां ठप होने से मई में चीन की कारखाने की गतिविधियां धीमी गति से बढ़ीं।


कॉपर

सोमवार को एलएमई कॉपर 1.33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 5707.5 डॉलर प्रति टन पर बंद हुआ। लॉकडाउन संबंधित स्थितियों और कोरोनोवायरस के मामलों ने उत्पादन और विनिर्माण इकाइयों को प्रभावित किया।

यह देखने की जरूरत है कि वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के फिर खुलने को सख्त सोशल डिस्टेंसिंग मानदंडों को पर्याप्त रूप से जोड़ा जा सकता है या नहीं। ऐसा प्रतीत होता है कि अर्थव्यवस्था तार्किकता की डिग्री की ओर बढ़ रही है, और बड़ी संख्या में विस्थापित लोगों की जरूरतों को पूरा करना होगा।

टॉपर ने कम आय वर्ग के परिवारों के 5000 छात्रों को स्कूली शिक्षा में सहायता प्रदान करने के लिएअपना सीएसआर कार्यक्रम टॉपर आशा शुरू किया

टॉपर ने कम आय वर्ग के परिवारों के 5000 छात्रों को स्कूली शिक्षा में सहायता प्रदान करने के लिए
अपना सीएसआर कार्यक्रम टॉपर आशा शुरू किया।
दिल्ली टाइम्स न्यूज़ (गोविंद कुमार दिल्ली)
इस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में छात्रों को उनके प्रदर्शन के आधार पर 10,000 रुपये तक के पुरस्कार प्राप्त होंगे

 17 जून, 2020: क्वालिटी एजुकेशन तक पहुंच का लोकतंत्रीकरण करने की अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए पर्सनलाइज्ड लर्निंग के लिए भारत का सबसे एडवांस और व्यापक मोबाइल एप्लिकेशन टॉपर ने टॉपर आशा नाम से एक कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है। यह कार्यक्रम माइकल एंड सुसन डेल फाउंडेशन द्वारा समर्थित है। टॉपर सीएसआर अभियान के एक हिस्से के तौर पर इस कार्यक्रम का लक्ष्य टॉपर लर्निंग ऐप के माध्यम से सुविधाओं से वंचित और निम्न-आय वाले परिवारों के छात्रों के माध्यमिक कक्षाओं में प्रदर्शन को बेहतर बनाना है।

इस पहल के तहत टॉपर ने 5,000 प्रतिभाशाली छात्रों को कक्षा 9वीं से 12वीं तक प्रवेश देने की योजना बनाई है और उन्हें टॉपर का एडवांस पैक सब्सक्रिप्शन मुफ्त में देने की व्यवस्था की है। इन छात्रों को वर्षभर अकादमिक परामर्शदाताओं की एक टीम द्वारा मदद की जाएगी। जून 2020 से शुरू होने वाला यह एक वर्षीय कार्यक्रम छात्रों के लिए शिक्षण सामग्री तक पहुंच सुनिश्चित करेगा और साथ ही उन्हें अपने स्मार्टफोन/टैबलेट/लैपटॉप/डेस्कटॉप के जरिये स्कूल के बाद सुविधाजनक समय पर वीडियो लेक्चर अटेंड करने में सक्षम करेगा। इस कार्यक्रम के तहत गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, इतिहास, सामाजिक विज्ञान, बिजनेस स्टडीज, अर्थशास्त्र और सामान्य ज्ञान सहित कई विषयों को शामिल किया जाएगा।

छात्रों के प्रदर्शन का मूल्यांकन सालभर में ऐप के उनके उपयोग के आधार पर किया जाएगा और अंतिम मूल्यांकन टॉपर द्वारा किया जाएगा। उनके प्रदर्शन के आधार पर छात्रों को 10,000 रुपये तक के पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

Toppr.com के सीईओ जिशान हयाद ने इस पहल के बारे में बताया, "स्कूली शिक्षा पर महामारी के प्रभाव ने समग्र शिक्षा की खाई को और चौड़ा बना दिया है क्योंकि क्वालिटी एजुकेशन हासिल करना सीधे-सीधे इस बात पर निर्भर करता है कि संसाधनों की उपलब्धता कितनी है और परिवार के पास धन की उपलब्धता क्या है। सभी को पता है कि स्कूल अनिश्चित अवधि के लिए बंद कर दिए गए हैं, ऐसे में आर्थिक रूप से वंचित छात्रों के पास रिमोट शिक्षा में भाग लेने के लिए आवश्यक उपकरणों या प्लेटफार्म उपलब्ध नहीं है। हमने यह सुनिश्चित करने के लिए यह पहल शुरू की है कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक छात्र, चाहे उनकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो, अपनी सीखने की यात्रा को बिना किसी दिक्कत के जारी रखने के लिए अवसर पा सके।"

माइकल एंड सुसन डेल फाउंडेशन में डायरेक्टर, इंडिया प्रोग्राम्स, प्राची जैन विंडलास ने कहा, "इस कार्यक्रम का उद्देश्य निम्न-आय वर्ग के परिवारों के छात्रों को टॉपर प्लेटफॉर्म के साथ-साथ एकेडमिक एडवाइजर्स की टीम तक तक पहुंच सुनिश्चित कर गैप्स को दूर करना है। हम भारतीय शिक्षा प्रणाली में सभी के लिए उपलब्ध अवसरों को एकरूपता देना चाहते हैं और इस दृष्टि से टॉपर के साथ साझेदारी को लेकर उत्साहित हैं।” 

टॉपर आशा के लिए पात्र होने के लिए, छात्रों को निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना होगा -

●        केवल उन्हीं छात्रों को पात्रता मिलेगी जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 3 लाख रुपए या इससे कम है।

●        उनके पास घर पर स्मार्टफोन / टैबलेट / डेस्कटॉप / लैपटॉप होना चाहिए। टॉपर एंड्राइड और आईओएस दोनों के साथ-साथ वेब ब्राउज़र पर भी चलता है।

●        छात्रों को अंग्रेजी में टेस्ट देने में सहज होना चाहिए।

●        वे 9, 10, 11 और 12 (साइंस या कॉमर्स स्ट्रीम) में अध्ययनरत छात्र होने चाहिए।

 टॉपर आशा के बारे में अधिक जानकारी के लिए छात्र निम्न वेबसाइट पर संपर्क कर सकते हैं- https://www.buddy4study.com/page/toppr-asha 

टॉपर ने इससे पहले मुंबई पुलिस, टीच फॉर इंडिया (टीएफआई) और कई अन्य के साथ मिलकर कई अन्य सीएसआर पहल की हैं। कोविड-19 महामारी के कारण शिक्षण संस्थानों के संचालन में बाधा आई है और इसके बाद छात्रों को मूल रूप से ऑनलाइन सीखने में मदद करने के लिए अपने प्लेटफॉर्म पर मुफ्त पहुंच प्रदान करने वाली यह भारत की पहली एडटेक कंपनी थी। 

Toppr.com के बारे में

टॉपर भारत की अग्रणी स्कूली लर्निंग ऐप है जो लर्निंग को पर्सनलाइज्ड बनाने के मिशन पर है। यह उम्मीदवारों की व्यक्तिगत सीखने की शैली को पूरा करता है और 80,000 से अधिक कोर्स कॉम्बिनेशंस के साथ व्यापक के12 कोर्स कवरेज प्रदान करता है। वर्तमान में इसके प्लेटफॉर्म पर 12 मिलियन से अधिक छात्र हैं और उन्हें विभिन्न स्कूल, बोर्ड और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद मिलती है। यह छात्रों की शंकाओं को तुरंत हल करने के लिए नेचरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का उपयोग करता है। यह छात्रों के व्यवहार का अध्ययन करने और अनंत संयोजनों के साथ एडॉप्टिव लर्निंग के मार्ग बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और बिग डेटा का उपयोग करता है। यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक छात्र को लर्निंग का एक अनूठा और एडॉप्टिव अनुभव हो।

माइकल एंड सुसन डेल फाउंडेशन के बारे में 

भारत में माइकल एंड सुसन डेल फाउंडेशन क्वालिटी एजुकेशन और रोजगार अवसरों के माध्यम से अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आकांक्षी भारत में बच्चों और युवाओं को सक्षम करने पर केंद्रित है। यह फोकस शिक्षा, नौकरियों और आजीविका, और वित्तीय समावेशन में निवेश से प्रेरित है। पिछले 14 वर्षों में $200 मिलियन से अधिक के निवेश के साथ फाउंडेशन ने देश के 12 मिलियन से अधिक बच्चों और परिवारों के जीवन को प्रभावित किया है।

बायोसअप ने कॉस्ट-इफेक्टिव कोविड सेफ्टी प्रोडक्ट्स लॉन्च किए- - प्रीमियम फेस मास्क, हैंड सेनिटाइजर्स और हैंड रब्स।

बायोसअप ने कॉस्ट-इफेक्टिव कोविड सेफ्टी प्रोडक्ट्स लॉन्च किए- - प्रीमियम फेस मास्क, हैंड सेनिटाइजर्स और हैंड रब्स।
दिल्ली टाइम्स न्यूज़:
 नई प्रोडक्ट रेंज का लक्ष्य अनलॉक स्टेज के दौरान पूरे भारत में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है

15 जून, 2020:  कोविड-19 से मुकाबला करने के अपने मिशन में फार्मास्युटिकल और सर्जिकल उत्पादों में अग्रणी बायोसअप हेल्थकेयर ने अपने मौजूदा पोर्टफोलियो में तीन नए उत्पाद लॉन्च किए हैं: फेस मास्क, हैंड सैनिटाइज़र और हैंड रब्स। 2018 में स्थापित बायोसअप भारत में अपने सभी प्रोडक्ट्स को आवश्यक गुणवत्ता वाले कच्चे माल का उपयोग कर और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बना रहा है। सुरक्षा के लिए बायोसअप के बेस्ट-इन-क्लास कोविड एसेंशियल प्रोडक्ट्स ऑफलाइन स्टोर्स के साथ-साथ कंपनी की वेबसाइट (http://biosupcare.com) और अमेज़न, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, पेटीएम, क्लबफैक्ट्री, शॉपक्लूज, नेटमेड्स, मेडलाइफ, 1 एमजी और मिंत्रा जैसे प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों सहित ऑनलाइन चैनलों पर पूरे भारत में उपलब्ध हैं। 

हालिया लॉन्च के एक हिस्से में बायोहैंड सैनिटाइज़र 100% एंटीसेप्टिक है और बिना पानी के 99.99% कीटाणु मारने की क्षमता के साथ आता है। सैनिटाइज़र पारदर्शी रंग के हैं और हाथों के लिए मुलायम और स्वच्छ हैं। यह क्रमशः 5 आकार में उपलब्ध है- 50 मिली, 100 मिली, 200 मिली, 500 मिली और 5 लीटर, जो क्रमशः 25 रुपए, 50 रुपए, 100 रुपए, 250 रुपए और 2500 रुपए में उपलब्ध हैं। बायोहैंड्स रब-इन-हैंड डिसइंफेक्टंट एक ब्रॉड-स्पेक्ट्रम एंटीमाइक्रोबियल प्रोडक्ट है। एंटीसेप्टिक हैंड रब में एंटीमाइक्रोबियल एजेंट हैं जो इस्तेमाल करने पर हाथों से बैक्टीरिया को नष्ट करते हैं। यह प्रोडक्ट बच्चों के लिए उपयुक्त और सुरक्षित है और इससे उनके हाथ कोमल और साफ रखे जा सकते हैं। कार्यालयों और घर पर लंबे समय तक इस्तेमाल के लिए बेहतर है। यह क्रमशः 500 मिलीलीटर और 5 लीटर के दो आकारों में 250 रुपए और 2500 रुपए में उपलब्ध है।

 बायोसअप हेल्थकेयर के पोर्टफोलियो में एक और नया लॉन्च शामिल किया गया है- फेस मास्क। ये तीन हैं- प्लाई डिस्पोजेबल फेस मास्क, मेल्ट ब्लोन फेस फेस मास्क, कॉटन वाशेबल फेस मास्क। इसके साथ-साथ बायोकेयर प्रोटेक्शन सीरीज़ हैं - जिनमें कॉटन 4 लेयर प्रोटेक्शन मास्क, केएन95 / एन95 पार्टिकुलेट रेस्पिरेटर मास्क और वॉल्व के साथ और उसके बिना मास्क शामिल हैं। यह वायु प्रदूषण, पॉलन, बैक्टीरिया, और वायरस, अन्य से बचाने में कारगर है। यह कोरोनोवायरस जैसे ड्रॉपलेट-बेस्ड वायरस के खिलाफ लड़ाई में एक आवश्यक उत्पाद है। ये प्रोडक्ट बिना नोजपिन के साथ आते हैं और 6.00 रुपए की कीमत से शुरू होकर विभिन्न मूल्य श्रेणियों में स्वच्छ व अनुकूल पैकेजिंग में 5, 10 और 50 के विभिन्न सेट्स में उपलब्ध हैं।

 इस पर टिप्पणी करते हुए बायोसअप हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक श्री हिमांशु बिंदल ने कहा, “जैसे-जैसे देश के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन स्टेज खत्म हो रहा है और हम आगे बढ़ रहे हैं, लोगों की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। कोविड-19 से हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं होने वाली, बल्कि लंबी चलने वाली है। बायोसअप में हमारा कोर मिशन प्रत्येक व्यक्ति और उसके परिवार की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है और इसके लिए उसे उचित समाधानों से लैस करना है। हम मौजूदा समस्या के बेहतरीन समाधान देने का प्रयास कर रहे हैं और अपने सभी प्रोडक्ट्स का निर्माण अपने ग्राहकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कर रहे हैं। ”

 बायोसअप डिस्पोजेबल मास्क, केएन95/एन95 मास्क, हैंड सैनिटाइज़र, पीपीई किट, इन्फ्रारेड थर्मामीटर, फेस शील्ड, दस्ताने, काले चश्मे, और कोविड टेस्टिंग किट जैसे कोविड-विशेष प्रोडक्ट्स की एक विस्तृत रेंज प्रदान करता है। यह आवश्यक किट की विस्तृत श्रृंखला भी प्रदान करता है - जिसमें कॉर्पोरेट किट, घरेलू किट, सैलून किट, मिनी बैग किट, ट्रैवल किट और बच्चों की किट शामिल हैं।

 बायोसअप के बारे में

बायोसअप हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड फार्मास्युटिकल और सर्जिकल उत्पादों के क्षेत्र में अग्रणी कंपनी है। यह आईएसओ 9001: 2015, आईएसओ 13485: 2016 सीई और जीएमपी प्रमाणित कंपनी है। बायोसअप शीर्ष गुणवत्ता वाले पर्सनल सिक्योरिटी इक्विपमेंट, पर्सनल केयर प्रोडक्ट और  मॉनीटरिंग इक्विपमेंट बनाती है। 2018 में स्थापित बायोसअप का मुख्यालय नई दिल्ली में है। अपने क्षेत्र का व्यापक ज्ञान और इनोवेटिव सॉल्युशंस के बल पर बायोसअप उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के विस्तृत पोर्टफोलियो को विकसित कर और नए प्रोडक्ट्स का परिचय कराकर दवा और शल्य चिकित्सा उत्पादों के लिए एक विश्व स्तर पर प्रशंसित कंपनी बनने की राह पर है। 

वेबसाइट : http://biosupcare.com/

Thursday, June 11, 2020

कार्यकर्ताओं के लिए जरूरी सूचना देश पर फिर लॉकडाउन का मंडराता खतरा।

कार्यकर्ताओं के लिए जरूरी सूचना॥
देश पर फिर लॉकडाउन का मंडराता खतरा।
दिल्ली टाइम्स न्यूज़(DTN)
हम अपने सभी NGO's, मीडिया संगठनों और मेडिकल संस्थानों के सदस्यों, कार्यकर्ताओं और कैंडीडेट्स से निवेदन करते हैं कि यदि आपने अभी तक अपने पहचान पत्र/नियुक्ति पत्र का नवीकरण नहीं करवाया है? या नव-प्रवेश संबंधी औपचारिकताएं या शाखा/सेंटर खोलने की शर्तें पूर्ण नहीं की है* तो जल्द से जल्द उसे पूरी करने की कृपा करे क्योंकि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार देश में कोरोना पीड़ितों व मृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है।
🌍 देश-विदेश के बड़े बड़े स्वास्थ्य वैज्ञानिक और मेडिकल विशेषज्ञ इसके सामुदायिक प्रसार होने के खतरे की आशंका/चिंता व्यक्त कर रहे हैं तो फिर ऐसी स्थिति में सरकार कोई रिस्क नहीं लेगी आंशिक या पूर्ण लॉकडाउन करना सरकार की मजबूरी हो जाएगी क्योंकि इससे देश की छवि व पब्लिक हेल्थ दोनो प्रभावित हो सकती है।
भारत सरकार तथा देश के कर्णधार चीन की धोखाधड़ी के कारण वहां चल रहे विश्वव्यापी व्यापार को भारत में स्थापित करना चाहती है तो ऐसी स्थिति में देश का वातावरण शांत और सुरक्षित होना चाहिए।
अत: हम अपने सभी सदस्यों को कहना चाहते हैं कि आप जितना जल्दी हो सके अपनी संगठन या संस्थान संबंधी पेंडिंग कार्यों को पूर्ण कर लें ताकि आपको भविष्य में किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े। धन्यवाद।जय हिंद!जय भारत!
✍️ *निवेदक* 🌸
डॉ० जसबीर आर्य,
(वरिष्ठ पत्रकार,समाज सेवक,मनोविज्ञानी,आध्यात्मिक प्रेरक,चिकित्सकीय शिक्षा व स्वास्थ्य परामर्शदाता)
👉 सदस्य-दिल्ली पुलिस मीडिया कमेटी।
👉 प्रेस प्रतिनिधि,राजभाषा स्कॉलर एवं आंतरिक सुरक्षा विशेषज्ञ,केंद्रीय गृह मंत्रालय,भारत सरकार।
📧 दिल्ली टाइम्स न्यूज़🖱️
⚔️ नेशनल मीडिया फोर्स⚔️
🏹 क्राइम फ्री इंडिया ब्यूरो🤺
🏴󠁧󠁢󠁥󠁮󠁧󠁿 विश्व आयुर्वेद अनुसंधान-विकास परिषद 🏴󠁧󠁢󠁥󠁮󠁧󠁿 
🌍 ग्लोबल हेल्थ एंड मेडिकल काउंसिल 🇨🇭
वेबसाइट: www.delhitimesnews.com
www.Nationalmediaforceindia.com
www.crimefreeindiabureau.com
www.worldayurvedresearch.com
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📱9650380366, 9212412283

Thursday, June 4, 2020

क्राईम फ्री इंडिया ब्यूरो (CFIB)दिल्ली पुलिस की सहयोगी मीडिया संस्था।

क्राईम फ्री इंडिया ब्यूरो (CFIB)दिल्ली पुलिस की सहयोगी मीडिया संस्था।

डॉ०जसवीर आर्य चेयरमैन CFIB
हमे अपने सदस्यों और सहयोगीयों को बड़े गर्व से सूचित करते हुए प्रसन्नता होती है कि हमारा मिशनरी मीडिया NGO "क्राईम फ्री इंडिया ब्यूरो"(‌CFIB), केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीनस्थ दिल्ली पुलिस* के साथ पिछले 10 वर्षों से ऑन रिकॉर्ड जमीन पर बिना सुर्खियों के कार्य कर रहा है।जहां मीडिया का एक वर्ग और पुलिस विरोधी लॉबीयों के द्वारा अक्सर दिल्ली पुलिस की देश दुनिया में छवि खराब करने और जनता से इसकी दूरियां पैदा करने की कोशिश की जाती है।
वही हमारा राष्ट्रव्यापी संगठन दिल्ली पुलिस के अच्छे ,सराहनीय व रचनात्मक कार्यों को प्रचारित-प्रसारित करने, पुलिस बल की छवि चमकाने व पुलिस कर्मियों के मनोबल को ऊंचा करने के साथ साथ दिल्ली पुलिस के राष्ट्रीय, सामाजिक व जन सुरक्षा के कार्यों में कंधे से कंधा मिलाकर अपना निष्काम योगदान दे रहा है।
अत:आप सभी से हमारा अनुरोध है कि आप दिल से हमारे 24 वर्ष पुराने एक जानदार व शानदार संगठन से जुड़कर देश-समाज-जनता की सेवा व रक्षा करें।
साथ ही आप ज्यादा से ज्यादा देश के जागरूक और भले जिम्मेदार नागरिकों को CFIB से जोड़ें और इसकी अपने-अपने थाना क्षेत्रों में शाखाएं खोलें व खुलवाएं।
👁️‍🗨️ध्यान रखें: स्वार्थी,कागजी, दिखावटी व धन उगाही संस्थाओं में कार्य करके अपना कीमती समय,पैसा और उर्जा खराब ना करें*।जयहिंद-जय भारत।
✍ आपका: डॉ० जसबीर आर्य 🌷
चेयरमैन व प्रधान संपादक
क्राईम फ्री इंडिया ब्यूरो,नई दिल्ली
📱:9650380366, 9212412283 वेबसाइट:www.crimefreeindiabureau.com
नोट: दिल्ली पुलिस भी हमारे कार्यों से प्रभावित है इसीलिए वह प्रतिवर्ष अपनी सालाना सरकारी टेलीफोन डायरेक्टरी में हमारा नाम प्रकाशित कर रही है।