Wednesday, June 17, 2020

टॉपर ने कम आय वर्ग के परिवारों के 5000 छात्रों को स्कूली शिक्षा में सहायता प्रदान करने के लिएअपना सीएसआर कार्यक्रम टॉपर आशा शुरू किया

टॉपर ने कम आय वर्ग के परिवारों के 5000 छात्रों को स्कूली शिक्षा में सहायता प्रदान करने के लिए
अपना सीएसआर कार्यक्रम टॉपर आशा शुरू किया।
दिल्ली टाइम्स न्यूज़ (गोविंद कुमार दिल्ली)
इस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में छात्रों को उनके प्रदर्शन के आधार पर 10,000 रुपये तक के पुरस्कार प्राप्त होंगे

 17 जून, 2020: क्वालिटी एजुकेशन तक पहुंच का लोकतंत्रीकरण करने की अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए पर्सनलाइज्ड लर्निंग के लिए भारत का सबसे एडवांस और व्यापक मोबाइल एप्लिकेशन टॉपर ने टॉपर आशा नाम से एक कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है। यह कार्यक्रम माइकल एंड सुसन डेल फाउंडेशन द्वारा समर्थित है। टॉपर सीएसआर अभियान के एक हिस्से के तौर पर इस कार्यक्रम का लक्ष्य टॉपर लर्निंग ऐप के माध्यम से सुविधाओं से वंचित और निम्न-आय वाले परिवारों के छात्रों के माध्यमिक कक्षाओं में प्रदर्शन को बेहतर बनाना है।

इस पहल के तहत टॉपर ने 5,000 प्रतिभाशाली छात्रों को कक्षा 9वीं से 12वीं तक प्रवेश देने की योजना बनाई है और उन्हें टॉपर का एडवांस पैक सब्सक्रिप्शन मुफ्त में देने की व्यवस्था की है। इन छात्रों को वर्षभर अकादमिक परामर्शदाताओं की एक टीम द्वारा मदद की जाएगी। जून 2020 से शुरू होने वाला यह एक वर्षीय कार्यक्रम छात्रों के लिए शिक्षण सामग्री तक पहुंच सुनिश्चित करेगा और साथ ही उन्हें अपने स्मार्टफोन/टैबलेट/लैपटॉप/डेस्कटॉप के जरिये स्कूल के बाद सुविधाजनक समय पर वीडियो लेक्चर अटेंड करने में सक्षम करेगा। इस कार्यक्रम के तहत गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, इतिहास, सामाजिक विज्ञान, बिजनेस स्टडीज, अर्थशास्त्र और सामान्य ज्ञान सहित कई विषयों को शामिल किया जाएगा।

छात्रों के प्रदर्शन का मूल्यांकन सालभर में ऐप के उनके उपयोग के आधार पर किया जाएगा और अंतिम मूल्यांकन टॉपर द्वारा किया जाएगा। उनके प्रदर्शन के आधार पर छात्रों को 10,000 रुपये तक के पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

Toppr.com के सीईओ जिशान हयाद ने इस पहल के बारे में बताया, "स्कूली शिक्षा पर महामारी के प्रभाव ने समग्र शिक्षा की खाई को और चौड़ा बना दिया है क्योंकि क्वालिटी एजुकेशन हासिल करना सीधे-सीधे इस बात पर निर्भर करता है कि संसाधनों की उपलब्धता कितनी है और परिवार के पास धन की उपलब्धता क्या है। सभी को पता है कि स्कूल अनिश्चित अवधि के लिए बंद कर दिए गए हैं, ऐसे में आर्थिक रूप से वंचित छात्रों के पास रिमोट शिक्षा में भाग लेने के लिए आवश्यक उपकरणों या प्लेटफार्म उपलब्ध नहीं है। हमने यह सुनिश्चित करने के लिए यह पहल शुरू की है कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक छात्र, चाहे उनकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो, अपनी सीखने की यात्रा को बिना किसी दिक्कत के जारी रखने के लिए अवसर पा सके।"

माइकल एंड सुसन डेल फाउंडेशन में डायरेक्टर, इंडिया प्रोग्राम्स, प्राची जैन विंडलास ने कहा, "इस कार्यक्रम का उद्देश्य निम्न-आय वर्ग के परिवारों के छात्रों को टॉपर प्लेटफॉर्म के साथ-साथ एकेडमिक एडवाइजर्स की टीम तक तक पहुंच सुनिश्चित कर गैप्स को दूर करना है। हम भारतीय शिक्षा प्रणाली में सभी के लिए उपलब्ध अवसरों को एकरूपता देना चाहते हैं और इस दृष्टि से टॉपर के साथ साझेदारी को लेकर उत्साहित हैं।” 

टॉपर आशा के लिए पात्र होने के लिए, छात्रों को निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना होगा -

●        केवल उन्हीं छात्रों को पात्रता मिलेगी जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 3 लाख रुपए या इससे कम है।

●        उनके पास घर पर स्मार्टफोन / टैबलेट / डेस्कटॉप / लैपटॉप होना चाहिए। टॉपर एंड्राइड और आईओएस दोनों के साथ-साथ वेब ब्राउज़र पर भी चलता है।

●        छात्रों को अंग्रेजी में टेस्ट देने में सहज होना चाहिए।

●        वे 9, 10, 11 और 12 (साइंस या कॉमर्स स्ट्रीम) में अध्ययनरत छात्र होने चाहिए।

 टॉपर आशा के बारे में अधिक जानकारी के लिए छात्र निम्न वेबसाइट पर संपर्क कर सकते हैं- https://www.buddy4study.com/page/toppr-asha 

टॉपर ने इससे पहले मुंबई पुलिस, टीच फॉर इंडिया (टीएफआई) और कई अन्य के साथ मिलकर कई अन्य सीएसआर पहल की हैं। कोविड-19 महामारी के कारण शिक्षण संस्थानों के संचालन में बाधा आई है और इसके बाद छात्रों को मूल रूप से ऑनलाइन सीखने में मदद करने के लिए अपने प्लेटफॉर्म पर मुफ्त पहुंच प्रदान करने वाली यह भारत की पहली एडटेक कंपनी थी। 

Toppr.com के बारे में

टॉपर भारत की अग्रणी स्कूली लर्निंग ऐप है जो लर्निंग को पर्सनलाइज्ड बनाने के मिशन पर है। यह उम्मीदवारों की व्यक्तिगत सीखने की शैली को पूरा करता है और 80,000 से अधिक कोर्स कॉम्बिनेशंस के साथ व्यापक के12 कोर्स कवरेज प्रदान करता है। वर्तमान में इसके प्लेटफॉर्म पर 12 मिलियन से अधिक छात्र हैं और उन्हें विभिन्न स्कूल, बोर्ड और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद मिलती है। यह छात्रों की शंकाओं को तुरंत हल करने के लिए नेचरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का उपयोग करता है। यह छात्रों के व्यवहार का अध्ययन करने और अनंत संयोजनों के साथ एडॉप्टिव लर्निंग के मार्ग बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और बिग डेटा का उपयोग करता है। यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक छात्र को लर्निंग का एक अनूठा और एडॉप्टिव अनुभव हो।

माइकल एंड सुसन डेल फाउंडेशन के बारे में 

भारत में माइकल एंड सुसन डेल फाउंडेशन क्वालिटी एजुकेशन और रोजगार अवसरों के माध्यम से अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आकांक्षी भारत में बच्चों और युवाओं को सक्षम करने पर केंद्रित है। यह फोकस शिक्षा, नौकरियों और आजीविका, और वित्तीय समावेशन में निवेश से प्रेरित है। पिछले 14 वर्षों में $200 मिलियन से अधिक के निवेश के साथ फाउंडेशन ने देश के 12 मिलियन से अधिक बच्चों और परिवारों के जीवन को प्रभावित किया है।

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