Sunday, July 19, 2020

मुश्किल कानूनी लड़ाई के बाद श्री पद्मनाथस्वामी को न्याय मिलने पर डॉ एम (बीके मोदी) ने ‘हिन्दू पुनर्जागरण’ को सराहा।

मुश्किल कानूनी लड़ाई के बाद श्री पद्मनाथस्वामी को न्याय मिलने पर डॉ एम (बीके मोदी) ने ‘हिन्दू पुनर्जागरण’ को सराहा।
रिपोर्ट:गोविंद कुमार(नई दिल्ली)
 

सुप्रीम कोर्ट ने शाही परिवार और प्रतिबद्ध नेताओं के कई वर्षों के संघर्ष पर विराम लगाते हुए हिंदू मंदिर मामले पर पक्ष में फैसला सुनाया

 

राष्ट्रीय, 19 जुलाई, 2020: कई दशकों से चले आ रहे विवाद पर पर्दा डालते हुए सुप्रीम कोर्ट ने त्रावणकोर के शाही परिवार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए शाही परिवार को श्री पद्मनाथस्वामी मंदिर का प्रशासनिक अधिकारी बताया है। इस फैसले के बाद दुनिया के सबसे धनी मंदिर माने जोने वाले श्री पद्मनाथस्वामी मंदिर पर राज्य सरकार द्वारा अपना अधिकार जमाने की कोशिशों पर ताला लग गया है।

त्रावणकोर शाही परिवार, जिसका स्पष्ट मानना है कि मंदिर के खजाने पर प्रभु पद्मनाभ का ही अधिकार है, को इस न्यायिक संघर्ष में कई मानवतावादी और सामानता समूहों का सहयोग मिला। यही नहीं ‘हिंदू एकता 2020’ और ग्लोबल सिटिजन फोरम जैसे आंदलनों में भी इसकी गूंज सुनाई दी।
 
विश्वभर से सहयोग और प्रसंशा हासिल करने के बाद वैश्विक वैचारिक लीडर और वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ यूनाइटेड नेशंस एसोसिएशंस (डब्ल्यूएफयूएनए) के सम्मानीय अध्यक्ष और ग्लोबल सिटिजन फोरम (जीसीएफ) के संस्थापक अध्यक्ष डॉ एम (भूपेंद्र कुमार मोदी) ने इस फैसले पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि “पिछले कई वर्षों से त्रावणकोर शाही परिवार को अत्यधिक संघर्ष का सामना करना पड़ा है। हालांकि इसके बावजूद प्रभु पद्मनाभ के प्रति उनकी श्रद्धा और प्रतिबद्धता अडिग रही। जीसीएफ को न्याय के इस संघर्ष में उनका सहयोग करने पर गर्व है और हम उम्मीद करते हैं कि यह भगवान विष्णु के अवतार प्रभु पद्मनाभ के इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जोड़ेगा। मोदी परिवार हिंदू धर्म का संरक्षक होने पर गर्व करता है और आगे भी इसी तरह से हिंदू धर्म की सेवा करता रहेगा।”
 
2017 में त्रावणकोर शाही परिवार की राजकुमारी गौरी लक्ष्मी बाई द्वारा दिल्ली में आमंत्रित किए जाने पर डॉ एम प्रभु पद्मनाभ के लिए न्याय की इस लड़ाई में शामिल हुए थे। इसके बाद से जीसीएफ ने 2018 में तिरुवनंतपुरम में प्रभु पद्मनाभ के सम्मान में एक भव्य समारोह आयोजित किया था, जिसमें लोगों को केस के तथ्यों के बारे में जानकारी दी गई और इसके लिए लोगों का सहयोग जुटाया गया। डॉ एम के प्रयासों के कारण इस पहल को लोकल और वैश्विक स्तर पर काफी सहयोग मिला। विभिन्न कारणों से हिंदू अधिकारों, आस्था और रिवाजों पर लगातार किए जा रहे पक्षपातपूर्ण आघातों के बीच श्री पद्मनाथस्वामी हिंदू पुनर्जागरण का प्रतीक बन गए, जहां विश्वभर के लोग इस लड़ाई में एक साथ आए। 
 
राजकुमारी गौरी लक्ष्मी बाई और एक अन्य हिंदु मंदिर के लिए इसी तरह का संघर्ष कर रहे मेवाड़ घराने के 76वें संरक्षक अरविंद सिंह मेवाड़ द्वारा ग्लोबल सिटिजन फोरम और डॉ एम के प्रयासों की सराहना की गई।
 
डॉ एम (बीके मोदी) के बारे में:
 
डॉ बीके मोदी (डॉ एम) वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ यूनाइटेड नेशंस एसोसिएशंस (डब्ल्यूएफयूएनए) के सम्मानीय अध्यक्ष; ग्लोबल सिटिजन फोरम व फॉरेन इंवेस्टर्स इंडिया के संस्थापक अध्यक्ष और स्मार्ट ग्रुप के संस्थापक-चेयरमैन हैं।  
 
अरबपति, वैश्विक वैचारिक लीडर, बीयॉन्ड 100 दर्शन के मार्गदर्शक डॉ एम ने कई खोजों का मार्गदर्शन किया हैं, जिन्होंने आज के न्यू डिजिटल इंडिया की नींव रखी है। उन्हें भारत में कई उपाधियों से नवाजा गया है, जिसमें से सबसे प्रमुख ‘मैन ऑफ मैनी फर्स्ट’ है, जो उन्हें पहले मोबाइल कॉल से लेकर पहले मोबाइल स्विचिंग सिस्टम को प्रस्तुत करने के लिए दिया गया। इसके अलावा भारत के कुछ सबसे सफल जॉइंट वेंचर पार्टनरशिप के लिए ‘जेवी किंग’ और अमेरिकन एकेडमी और एंटी-एजिंग मेडिसिन द्वारा ‘ग्लोबल वेलनेस लीडर’ का सम्मान दिया गया। 
 
हिंदू मामलों के उत्साही लीडर डॉ एम ने हिंदु पुनर्जागरण के लिए विश्वभर के हिुंदुओं को एकत्रित करने हेतु निरंतर प्रयास किए हैं। वे हिंदूओं के सम्मान, अधिकारों और प्रताप के लिए लगातार कार्यरत रहे हैं। समाज के प्रति किए डॉ एम के कार्यों को ली कुआन यू और नरेंद्र मोदी जैसे वैश्विक नेताओं द्वारा सराहा गया है। अपने मानवीय कार्यों के लिए डॉ एम को 2004 में अमेरिकी कॉन्ग्रेस से प्रसस्ति, यूएन से संबद्ध एनजीओ यूनिवर्सल पीस फेडरेशन द्वारा ‘एम्बेसडर फॉर पीस’ का सम्मान मिला। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ और चैनल न्यूज एशिया व अन्य संस्थानों द्वारा सम्मानित किया गया है।

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