हेलमेट मैन ने 2 अक्टूबर गांधी जयंती पर सासाराम टोल बूथ पर राहगीरों को हेलमेट देकर सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया।
जागरूकता के साथ राज्य सरकार और भारत सरकार को अपने अभियान का संदेश दिया.
भारत में कोई भी टोल टैक्स पर बिना हेलमेट कोई व्यक्ति पास ना करें. और पीछे बैठने वाली सवारी के भी पास हेलमेट होना जरूरी है. भारत में अब तक राघवेंद्र कुमार अलग अलग राज्य में 25000 हेलमेट बांट चुके हैंl हेलमेट बांटने की वजह से लोगों ने इनका नाम हेलमेट मैन रख दिया.
अब अपने अभियान द्वारा हेलमेट मैन सभी राज्य में टोल बूथ पर हेलमेट देकर जागरूकता के साथ यह नियम लागू करवाना चाहते हैं. आज सासाराम टोल बूथ से अभियान की शुरुआत की है. अगले हफ्ते मोहनिया टोल बूथ पर होगा और पूरे बिहार के साथ भारत के अलग अलग राज्य में भी टोल बूथ पर अभियान चलाएंगे. जब तक राज्य सरकार और केंद्र सरकार इस नियम को लागू नहीं करेगी तब तक अपना अभियान जारी रखेंगे हेलमेट मैन.
हेलमेट मैन ने कहा अगर ट्रैफिक नियमों का पालन सीट बेल्ट और हेलमेट के प्रति टोल बूथ पर लागू कर दिया जाए भारत में हर महीने हजारों लोगों की जान बच सकती है. भारत में टोल बूथ के 5 किलोमीटर के अंदर सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या प्रतिवर्ष बढ़ती जा रही है. दुर्घटना होने का कारण ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करना.
आज भारत में ट्रैफिक नियम को मजबूत बनाने के लिए किसी भी राज्य के पास उतनी ट्रैफिक पुलिस नहीं है जितनी जरूरत है इसलिए हमें टोल बूथ पर बिना हेलमेट कोई व्यक्ति यात्रा ना करें कानून बनाकर लोगों के बीच जागरूकता लाई जा सकती है और राज्य सरकार प्रति गाड़ियां जो पैसा चार्ज करती है टोल टैक्स के रूप में वहां पर हेलमेट का एक शॉप भी खोल सकती है जो राहगीरों को हेलमेट खरीदने में भी आसानी होगी. अभी तक भारत में जागरूकता के नाम पर ट्रैफिक पुलिस या सरकार लोगों को सड़कों पर ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के खिलाफ गुलाब का फूल देती है ताकि लोग शर्म करें. अगर सरकार फूल देने के बजाय उसे चालान करें उस राशि का एक हेलमेट देकर जागरूक करती तो अभी तक सड़क दुर्घटना में होने वाली मौत को कम किया जा सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ. आज अपने अभियान को भारत के कोने कोने तक पहुंचाने के लिए हेलमेट मैन नौकरी छोड़ कर अभियान चला रहे हैं पैसे का दिक्कत हुआ तो ग्रेटर नोएडा में अपना घर बेच दीया लोगों तक हेलमेट के प्रति जागरूकता पहुंचाने के लिए ताकि किसी और को सड़क दुर्घटना में अपनी जान बचाने के लिए जमीन और घर ना बेचना पड़े और वह जागरूक हो सके. राघवेंद्र कुमार को हेलमेट बांटने के लिए आज तक कोई मदद करने के लिए प्रशासन के तरफ या फिर सरकार के तरफ से कोई सहायता नहीं मिली. अपने जीवन की बची हुई सारी कमाई सड़क सुरक्षा के जागरूकता मिशन में खर्च कर दिया. अब अपने अभियान को टोल टैक्स कर्मचारियों को संदेश देकर जागरूक कर रहे हैं ताकि उनके टोल टैक्स के बीच में दुर्घटना होने पर लोगों की जान बच सके. टोल टैक्स पर सभी वाहन सरकार के नियमों के अनुसार यात्रा करने का शुल्क देते हैं जो राज्य सरकार का भी अधिकार बनता है सड़क पर चलने वाले सभी लोगों को ट्रैफिक नियमों के पालन करें.
हेलमेट मैन के साथ शिबू सिंह ,नवीन सिंह सर्वजीत सिंह चंदन सिंह राजेंद्र सिंह. राकेश अकाश कुमार राठौर. उमेश सिंह आदि लोग मौजूद रहे।
जागरूकता के साथ राज्य सरकार और भारत सरकार को अपने अभियान का संदेश दिया.
भारत में कोई भी टोल टैक्स पर बिना हेलमेट कोई व्यक्ति पास ना करें. और पीछे बैठने वाली सवारी के भी पास हेलमेट होना जरूरी है. भारत में अब तक राघवेंद्र कुमार अलग अलग राज्य में 25000 हेलमेट बांट चुके हैंl हेलमेट बांटने की वजह से लोगों ने इनका नाम हेलमेट मैन रख दिया.
अब अपने अभियान द्वारा हेलमेट मैन सभी राज्य में टोल बूथ पर हेलमेट देकर जागरूकता के साथ यह नियम लागू करवाना चाहते हैं. आज सासाराम टोल बूथ से अभियान की शुरुआत की है. अगले हफ्ते मोहनिया टोल बूथ पर होगा और पूरे बिहार के साथ भारत के अलग अलग राज्य में भी टोल बूथ पर अभियान चलाएंगे. जब तक राज्य सरकार और केंद्र सरकार इस नियम को लागू नहीं करेगी तब तक अपना अभियान जारी रखेंगे हेलमेट मैन.
हेलमेट मैन ने कहा अगर ट्रैफिक नियमों का पालन सीट बेल्ट और हेलमेट के प्रति टोल बूथ पर लागू कर दिया जाए भारत में हर महीने हजारों लोगों की जान बच सकती है. भारत में टोल बूथ के 5 किलोमीटर के अंदर सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या प्रतिवर्ष बढ़ती जा रही है. दुर्घटना होने का कारण ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करना.
आज भारत में ट्रैफिक नियम को मजबूत बनाने के लिए किसी भी राज्य के पास उतनी ट्रैफिक पुलिस नहीं है जितनी जरूरत है इसलिए हमें टोल बूथ पर बिना हेलमेट कोई व्यक्ति यात्रा ना करें कानून बनाकर लोगों के बीच जागरूकता लाई जा सकती है और राज्य सरकार प्रति गाड़ियां जो पैसा चार्ज करती है टोल टैक्स के रूप में वहां पर हेलमेट का एक शॉप भी खोल सकती है जो राहगीरों को हेलमेट खरीदने में भी आसानी होगी. अभी तक भारत में जागरूकता के नाम पर ट्रैफिक पुलिस या सरकार लोगों को सड़कों पर ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के खिलाफ गुलाब का फूल देती है ताकि लोग शर्म करें. अगर सरकार फूल देने के बजाय उसे चालान करें उस राशि का एक हेलमेट देकर जागरूक करती तो अभी तक सड़क दुर्घटना में होने वाली मौत को कम किया जा सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ. आज अपने अभियान को भारत के कोने कोने तक पहुंचाने के लिए हेलमेट मैन नौकरी छोड़ कर अभियान चला रहे हैं पैसे का दिक्कत हुआ तो ग्रेटर नोएडा में अपना घर बेच दीया लोगों तक हेलमेट के प्रति जागरूकता पहुंचाने के लिए ताकि किसी और को सड़क दुर्घटना में अपनी जान बचाने के लिए जमीन और घर ना बेचना पड़े और वह जागरूक हो सके. राघवेंद्र कुमार को हेलमेट बांटने के लिए आज तक कोई मदद करने के लिए प्रशासन के तरफ या फिर सरकार के तरफ से कोई सहायता नहीं मिली. अपने जीवन की बची हुई सारी कमाई सड़क सुरक्षा के जागरूकता मिशन में खर्च कर दिया. अब अपने अभियान को टोल टैक्स कर्मचारियों को संदेश देकर जागरूक कर रहे हैं ताकि उनके टोल टैक्स के बीच में दुर्घटना होने पर लोगों की जान बच सके. टोल टैक्स पर सभी वाहन सरकार के नियमों के अनुसार यात्रा करने का शुल्क देते हैं जो राज्य सरकार का भी अधिकार बनता है सड़क पर चलने वाले सभी लोगों को ट्रैफिक नियमों के पालन करें.
हेलमेट मैन के साथ शिबू सिंह ,नवीन सिंह सर्वजीत सिंह चंदन सिंह राजेंद्र सिंह. राकेश अकाश कुमार राठौर. उमेश सिंह आदि लोग मौजूद रहे।
No comments:
Post a Comment